देश भर में आज नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है। इस साल दिवाली 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इससे पहले आने वाली नरक चतुर्दशी को भी लोग धूम-धाम से मनाते हैं। दिवाली के आस-पास के सभी त्योहारों में चौदस का पर्व काफी महत्वपूर्ण होता है। दिवाली से एक दिन पहले मनाए जाने वाले इस पर्व को नरक चतुर्दशी या रूप चौदस या काली चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।
हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष को मनाया जाता है। इस बार चौदस और नरक चतुर्दशी का ये त्योहार 26 अक्टूबर को मनाया जाना है। छोटी दिवाली पर लोग सिर्फ लक्ष्मी मां ही नहीं बल्कि इन चार देवताओं की पूजा भी की जाती है। आइए आप भी जानिए इस नरक चतुर्दशी किन-किन देवताओं की पूजा करना जरूरी है।
1. भगवान श्रीकृष्ण की पूजा
नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ मिलकर नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था और 16000 राजकुमारियों को उसकी कैद से मुक्त कराया था।
2. करें भगवान भोले की पूजा
नरक चतुर्दशी के दिन भगवान भोले की पूजा की जाती है। शिव के पूरे परिवार की पूजा इस दिन की जाती है। इस दिन को शिव चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं। कहते हैं इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी तरह के कष्ट नष्ट हो जाते हैं।
3. करें यमदेव की पूजा
नरक चतुर्दशी के दिन यमराज की पूजा का विधान है। इस दिन दक्षिण दिशा में यमदीप का विधान है। कहते हैं इससे नर्क के दोषों से मुक्ति पाई जा सकती है। कहते हैं इस दिल अकाल मृत्यु से निजात पाया जा सकता है।
4. वामन देव की पूजा
नरक चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करते हैं। इसी दिन भगवान वामन ने राजा बलि को पाताल का राजा बनाया था और उन्हें चिरंजीवी होने का वरदान भी दिया था। भगवान वामन ने राजा बलि से कहा था कि तेरे राज्य में जो भी यम को दीपदान करेगा तो उसके पितरों को कभी भी नर्क नहीं जाना पड़ेगा और न हीं उसे नर्क की यातनाओं को भोगना पड़ेगा। इसी वजह से इस दिन वामन देव की पूजा भी की जाती है। वामन देव की पूजा करने से इस दिन भगवान विष्णु का भी आर्शीवाद प्राप्त होता है।