Police Commemoration Day 2020: राष्ट्र ने किया नमन, 10 जवान हुए थे शहीद, चीन की नापाक चाल, see pics By सतीश कुमार सिंह | Published: October 21, 2020 4:58 PMOpen in App1 / 9केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि आतंकवाद, साइबर अपराध और सीमा सुरक्षा से जुड़ी नई चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को तैयार किया जा रहा है और इसके मद्देनजर एक व्यापक आधुनिकीकरण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है।2 / 9‘पुलिस स्मृति दिवस’ पर यहां चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुलिस और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए शाह ने इसकी जानकारी दी । लद्दाख के दुर्गम दर्रों में 1959 में बड़ी संख्या में भारी हथियारों के साथ आए चीनी सैनिकों ने घात लगाकर भारतीय गश्ती दल पर हमला कर दिया था जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ के) के 10 जवान शहीद हो गए थे। उनकी याद में यह दिवस मनाया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच वर्तमान में भी लद्दाख क्षेत्र में सैन्य गतिरोध जारी है।3 / 9उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस का काम नई चुनौतियों और उसके आयामों से बढ़ता जा रहा है। चाहे वह आतंकवाद हो, जाली नोट हो या मादक पदार्थ नियंत्रण या फिर साइबर अपराध और मानव व शस्त्रों की तस्करी। पुलिस के समक्ष पिछले दो-तीन दशकों में ये बहुत सारे आयाम आए हैं। हमारे सामने चुनौती है कि इसके लिए अपने बलों को तैयार करें।’’ उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने पुलिस के लिए एक व्यापक आधुनिकीकरण कार्यक्रम तैयार किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आशा है कि आने वाले दिनों में (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी सरकार उन्हें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगी।’’4 / 9शाह ने कहा कि देश के जवान मुस्तैदी से सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं लेकिन इसे अभेद बनाने के लिए सरकार अब इसे प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘मानव बल के साथ प्रौद्योगिकी को जोड़कर सीमाओं को अभेद बनाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि तत्परता और तकनीक साथ-साथ होंगे तो सीमाओं की बेहतर सुरक्षा की जा सकेगी। शाह ने कहा कि कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अब तक 35,398 पुलिस और केंद्रीय बलों के कर्मियों ने शहादत दी है और इनमें 264 ऐसे हैं जिन्होंने पिछले साल अपने प्राणों की आहूति दी।5 / 9उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पुलिस बल के 343 जवानों ने अब तक अपनी जान गंवाई हैं और जब भी कोरोना का इतिहास लिखा जाएगा उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बल के जवानों और उनके परिवारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस अवसर पर अपने प्राणों की आहूति देने वाले पुलिस बल के सभी जवानों को श्रद्धंजलि अर्पित की और लॉकडाउन के दौरान उनके द्वारा किए गए कार्यों की भी जमकर सराहना की।6 / 9शाह ने कहा, ‘‘जब कोरोना संकट आया तो पूरी दुनिया अचंभित थी। चिकित्सा जगत से जुड़े लोग हों या वैज्ञानिक, किसी को पता नहीं था कैसे इससे लड़ा जाए। देश में लॉकडाउन किया गया। चाहे उसके अमलीकरण की बात हो या प्रवासियों की सहायता करने की बात या फिर लोगों की जरूरतों को पूरा करना, पुलिस के जवानों ने पहली पंक्ति में रहकर कोरोना के खिालाफ लड़ाई लड़ी।’’ उन्होंने कहा कि इस दौरान पुलिस बल के 343 जवानों ने अपनी जान गंवाई। उन्होंने कहा, ‘‘जब भी कोरोना का इतिहास लिखा जाएगा, इन वीर जवानों का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।’’7 / 9प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि पुलिसकर्मी हमेशा बिना किसी हिचक के अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं। ‘पुलिस स्मृति दिवस’ पर मोदी ने कहा, ‘‘ भयावह अपराधों को सुलझाने से लेकर कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा आपदा प्रबंधन में मदद करने से लेकर कोविड-19 से निपटने तक, पुलिसकर्मियों ने बिना किसी हिचक के अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है।’’8 / 9उन्होंने कहा, ‘‘ हमें नागरिकों की सहायता के लिए उनके परिश्रम और उनकी तत्परता पर गर्व है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ ‘पुलिस स्मृति दिवस’ भारत में हमारे पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों को आभार व्यक्त करने का दिन है। कर्तव्यपालन के दौरान शहीद हुए सभी पुलिस कर्मियों को हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उनके बलिदान और सेवाओं को हमेशा याद किया जाएगा।’’ 9 / 9केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक राकेश अस्थाना सहित अन्य केंद्रीय बलों के वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे। शाह ने कहा कि देश में अगर शांति है तो इसमें पुलिस बल के जवानों का योगदान सबसे बड़ा है क्योंकि होली हो या दिवाली, वे चौबिसों घंटे देश की सुरक्षा को लेकर जागरूक रहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम है कि प्रति 10 लाख की आबादी पर जितने जवान होने चाहिए वह नहीं है लेकिन केंद्र सरकार इसके लिए ‘‘ढेर सारी चीजें’’ कर रही हैं। और पढ़ें Subscribe to Notifications