गांधीनगरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत जल्द ही पारंपरिक औषधि उत्पादों को मान्यता देने के लिए आयुष चिह्न जारी करेगा जो देश के आयुष उत्पादों की गुणवत्ता को प्रामाणिकता प्रदान करेगा। आयुष के क्षेत्र में निवेश और नवाचार की संभावनाएं असीमित हैं।
आयुष दवाओं, सप्लीमेंट और कॉस्मेटिक्स के उत्पादन में हम पहले ही अभूतपूर्व तेज़ी देख रहे हैं। 2014 में जहां आयुष सेक्टर 3 बिलियन डॉलर से भी कम का था। आज ये बढ़कर 18 बिलियन डॉलर के भी पार हो गया है। FSSAI ने पिछले ही हफ्ते अपने नियमों में आयुष आहार नाम की एक नई श्रेणी घोषित की है। इससे हर्बल न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट के उत्पादकों को बहुत सुविधा मिलेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक स्पेशल आयुष मार्क भी बनाने जा रहा है। भारत में बने उच्चतम गुणवत्ता के आयुष प्रॉडक्ट्स पर ये मार्क लगाया जाएगा। ये आयुष मार्क आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रावधानों से युक्त होगा। इससे विश्व भर के लोगों को क्वालिटी आयुष प्रॉडक्ट्स का भरोसा मिलेगा।
जो विदेशी नागरिक, भारत में आकर आयुष चिकित्सा का लाभ लेना चाहते हैं, उनके लिए सरकार एक और पहल कर रही है। शीघ्र ही, भारत एक विशेष आयुष वीजा कैटेगरी शुरू करने जा रहा है। इससे लोगों को आयुष चिकित्सा के लिए भारत आने-जाने में सहूलियत होगी।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत जल्द ही उन लोगों के लिए आयुष वीजा श्रेणी शुरू करेगा जो इलाज के पारंपरिक तरीकों के लिए देश आते हैं। वह गुजरात के महात्मा मंदिर में तीन दिवसीय वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार सम्मेलन के उद्घाटन के बाद मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्ननाथ और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महासचिव डॉ टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस की मौजूदगी में बोल रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ भारत जल्द ही आयुष चिह्न जारी करेगा, जो देश के आयुष उत्पादों की गुणवत्ता को प्रमाणिकता प्रदान करेगा। नवीनतम तकनीक का उपयोग करके पुनरीक्षित उत्पादों को चिह्न दिया जाएगा। इससे विश्व के लोगों को विश्वास होगा कि वे गुणवत्तापूर्ण आयुष उत्पाद खरीद रहे हैं।”