मुंबई: महाराष्ट्र में कांग्रेस से छह साल के लिए निष्कासित किये गये तेज-तर्रार नेता संजय निरुपम ने गुरुवार को दावा किया है कि उनके द्वारा पहले कांग्रेस छोड़ा गया, पार्टी ने बाद में उन्हें निकालने का ऐलान किया।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार पूर्व सांसद संजय निरुपम ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए शिवसेना (यूबीटी) के साथ सीट-बंटवारे की बातचीत पर बेहद तीखा विरोध दर्ज कराया था। जिसके कारण पार्टी के साथ उनका टशल चल रहा था।
संजय निरुपम ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे गए अपने इस्तीफे के मेल का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए लिखा, "ऐसा लगता है कि पार्टी को कल रात मेरा इस्तीफा पत्र मिलने के तुरंत बाद, उन्होंने मेरा निष्कासन जारी करने का फैसला किया। इतनी तत्परता देखकर अच्छा लगा। बस यह जानकारी साझा कर रहा हूं।"
बताया जा रहा है कि संजय निरुपम गुरुवार सुबह में कांग्रेस के साथ हुए विवाद, इस्तीफे और निष्कासन पर विस्तृत बयान देंगे।
मालूम हो कि मुंबई उत्तर से पूर्व सांसद निरुपम ने तब कांग्रेस के राज्य नेतृत्व पर निशाना साधा था, जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मुंबई की छह लोकसभा सीटों में से चार के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी, जिसमें मुंबई उत्तर पश्चिम सीट भी शामिल थी, जहां से संजय निरुपम खुद चुनाव लड़ना चाहते थे।
निरुपम ने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को खुद को शिवसेना (यूबीटी) द्वारा अपमानित होने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा था, ''मुंबई में एकतरफा उम्मीदवार उतारने के शिवसेना (यूबीटी) के फैसले को स्वीकार करना कांग्रेस के विनाश को अनुमति देने जैसा है।''
महाराष्ट्र कांग्रेस ने निरुपम को निष्कासित करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और इसे दिल्ली में पार्टी आलाकमान को भेजा। उनका नाम पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से भी हटा दिया गया।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में निरुपम मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से भाजपा के गोपाल शेट्टी से हार गए थे। हालाँकि उन्होंने मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनाव लड़ने में रुचि व्यक्त की, लेकिन उनकी योजनाएँ विफल हो गईं क्योंकि शिवसेना (यूबीटी) ने अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया, जिससे स्थिति जटिल हो गई।