पोर्ट ब्लेयर: अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में पहली बार शोंपेन जनजाति के सात सदस्यों ने शुक्रवार को केंद्रशासित प्रदेश की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह जनजाति ग्रेटर निकोबार द्वीपसमूह का ‘विशेष संवेदनशील जनजाति समूह’ (पीवीटीजी) है। शोंपेन जनजाति के सदस्यों ने न केवल वन कर्मचारी क्वार्टर के अंदर बने 'शोंपेन हट' नामक मतदान केंद्र 411 पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया, बल्कि उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बनाए गए एक निर्दिष्ट ‘कट-आउट’ पर सेल्फी भी ली।
शोंपेन जनजाति के सदस्यों की भाषा संबंधी मदद एक दुभाषिए ने की। मुख्य निर्वाचन अधिकारी बी एस जगलान ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पहली बार शोंपेन जनजाति के कुल सात सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पहले हमने उन्हें ईवीएम और वीवीपैट के बारे में प्रशिक्षण दिया। यह देखकर अच्छा लगा कि वे जंगल से बाहर आए और पहली बार उन्होंने मतदान किया।’’ जनगणना 2011 के अनुसार शोंपेन जनजाति की आबादी 229 थी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया, ‘‘ओंगे और ग्रेट अंडमानीज जैसी दो अन्य आदिम जनजातियों ने भी 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह मतदान किया लेकिन शोंपेन जनजाति के कुल 98 मतदाताओं में से सात ने पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।’’ अंडमान निकोबार द्वीप समूह में कुल 12 उम्मीदवार मैदान में हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार और निवर्तमान सांसद कुलदीप राय शर्मा और भाजपा उम्मीदवार विष्णु पद रे के बीच है।
इनपुट: भाषा एजेंसी