नई दिल्ली: चीन में फैल रहे निमोनिया मामलों के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कड़े कदम उठाने का निर्णय करते हुए राज्यों को गाइडलाइन जारी कर दी है। इससे पहले भारत में कोविड-19 जैसी महामारी भी फैल चुकी है, जो पहले चीन में शुरू हुई थी, इसलिए यह देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने श्वसन संबंधी बीमारियों के खिलाफ तैयारियों की समीक्षा करने का निर्णय किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन में उभरती सार्वजनिक स्वास्थ्य स्थिति के मद्देनजर श्वसन संबंधी बीमारियों के खिलाफ तैयारियों के उपायों की सक्रिय समीक्षा करने का निर्णय लिया है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल तैयारी उपायों की तुरंत समीक्षा करने की सलाह देता है।
केंद्रीय मंत्रालय ने कहा, "सभी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश 'कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशानिर्देश' लागू करेंगे। जिला और राज्य स्तर पर निगरानी द्वारा ILI/SARI (इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी/गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) के रुझानों की बारीकी से परखा जाएगा। श्वसन संबंधी बीमारी में वृद्धि मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, SARS-CoV-2 जैसे सामान्य कारणों से होती है। स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है।"
इससे पहले केरला स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि स्वास्थ्य आधिकारिक टीमें प्रदेश भर में सतर्क हैं। बता दें कि केरला कोविड-19 के समय में काफी बुरी तरह से प्रभावित हुआ था।
वीना जॉर्ज ने मीडिया से कहा, "विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को चीन के साथ इस पर चर्चा की। डब्ल्यूएचओ ने चीन के साथ बच्चों में देखे जाने वाले निमोनिया पर चर्चा की है। हम जो जानते हैं वह यह है कि चीन ने स्पष्ट किया है कि चिंता की कोई बात नहीं है। जब खबर सामने आई, हमारी विशेषज्ञ समिति ने स्थिति का विश्लेषण करने के लिए बैठक की। कल, मैंने बीएमई और डीएचएस के डॉक्टरों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की।''