महिलाओं और युवाओं को मिला रोजगार, घरेलू जरूरतें हुईं पूरी, शहरी क्षेत्र में ग्रोथ सबसे ज्यादा- रिपोर्ट

By आकाश चौरसिया | Published: May 16, 2024 10:53 AM2024-05-16T10:53:37+5:302024-05-16T11:05:27+5:30

पीरियोडिक श्रम बल सर्वेक्षण ने डाटा किया साझा, जारी कर बताया कि शहरी क्षेत्रों में 15 वर्षीय और उससे ऊपर के लोगों के बीच पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 6.7 फीसदी बेरोजगारी घट गई।

Women got employment domestic needs fulfilled growth in urban areas Periodic Labour Force Survey quarterly bulletin | महिलाओं और युवाओं को मिला रोजगार, घरेलू जरूरतें हुईं पूरी, शहरी क्षेत्र में ग्रोथ सबसे ज्यादा- रिपोर्ट

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlights वित्त-वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही के बेरोजगारी के आंकड़ें आए सामनेमहिलाओं को मिला रोजगार युवाओं में बेरोजगारी का फीसद घटा

नई दिल्ली: वित्त-वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही का अपना बुलेटिन (जनवरी से मार्च 2024) पीरियोडिक श्रम बल सर्वेक्षण ने जारी कर बताया है कि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की दरें घटी हैं। इसमें उन्होंने ये भी बताया है कि शहरी क्षेत्रों में 15 वर्षीय और उससे ऊपर के लोगों के बीच पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 6.7 फीसदी बेरोजगारी घट गई।

इसी अवधि में पिछले वित्त-वर्ष की इसी तिमाही में  बेरोजगारी की दर 6.8 फीसदी थी। सामने आए डाटा के अनुसार, महिलाओं में भी बेरोजगारी की दरें 9.2 फीसदी से 8.5 के बीच जनवरी से मार्च 2024 के बीच कम हो गई। 

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के आज जारी हुए तिमाही आंकड़ों में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) और श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में वृद्धि और शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर (यूआर) में कमी देखी गई है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में श्रम बल भागीदारी दर में भी पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जनवरी-मार्च 2024 की अवधि के दौरान 48.5 प्रतिशत से 50.2 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई है। 

वित्त-वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में 22.7 फीसदी से शहर में रहने वाली महिलाओं के बीच श्रम बल में भागीदारी के रूप में 25.6 प्रतिशत हुई। सर्वे ये साफ तौर पर बताता है कि श्रम बल जनसंख्या के अनुपात में 15 और इसके ऊपरी उम्र वालों के बीच 45.2 फीसद से 46.9 फीसद हो गई। सर्वेक्षण अवधि के दौरान शहरी क्षेत्रों में महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात भी 20.6 प्रतिशत से बढ़कर 23.4 प्रतिशत हो गया।

इसके साथ ये भी बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत आने वाले साफ पानी जैसी आधारभूत जरूरतों को पूरा किया, साफ-सफाई, उज्ज्वला योजना के तहत खाना बनाने में भी अच्छे वातावरण में देखा गया। इसके साथ ये भी पता चला कि घरेलू कामों से महिलाओं को छुटकारा मिला, क्योंकि उन्हें काम और बेरोजगारी में अवसर प्राप्त हुए। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा, बुलेटन डाटा ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शित किया। डाटा में इस बात पर गौर फरमाया गया कि श्रमिक जनसंख्या अनुपात में 15 वर्ष और इससे ऊपर के लोगों के बीच 45.2 फीसद में 46.9 फीसदी की वृद्धि जनवरी-मार्च 2023 की तुलना में जनवरी-मार्च 2024 में 1 फीसदी बढ़ी।

Web Title: Women got employment domestic needs fulfilled growth in urban areas Periodic Labour Force Survey quarterly bulletin

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