चेन्नई: तमिलनाडु के कुंभकोणम में एक हिंदू संगठन द्वारा भीम राव आंबेडकर को भगवा वस्त्र पहने और उनके माथे पर चंदन का टीका लगा दिखाने वाले पोस्टर को लेकर मंगलवार को एक विवाद उत्पन्न हो गया है। विदुतलई चिरुतैगल काची (वीसीके) के सदस्यों ने फौरन इसके खिलाफ प्रदर्शन किया है। आपको बता दें कि ये पोस्टर आंबेडकर की पुण्यतिथि पर लगाए गए थे।
मामले में आईएमके ने मद्रास उच्च न्यायालय को क्या आश्वासन दिया था
विवाद के बीच इंदु मक्कल काची (आईएमके) के संस्थापक अर्जुन संपत ने यहां मंगलवार शाम भारी पुलिस सुरक्षा के साथ राजा अन्नामलईपुरम में आंबेडकर के स्मारक सभागार में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया है।
इससे पहले, उनके संगठन ने मद्रास उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया कि वे किसी के खिलाफ कोई नारेबाजी नहीं करेंगे या भाषण नहीं देंगे और आईएमके सदस्य ‘‘भगवा धोती’’ नहीं पहनेंगे या आंबेडकर की प्रतिमा पर पवित्र राख नहीं लगाएंगे। चेन्नई में तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया।
वीसीके ने आईएमके पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है
कुंभकोणम में अचानक पोस्टर लगाए जाने के तुरंत बाद वीसीके सदस्यों ने आंबेडकर के अपमान के लिए आईएमके पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया है। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और विवादित पोस्टर को हटाया। आईएमके संस्थापक अर्जुन संपत ने कहा कि आंबेडकर को हिंदू के तौर पर दर्शाने वाले पोस्टर में कुछ भी गलत नहीं है।