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बाबासाहेब आंबेडकर की 130वीं जयंती, जानिए उनके बारे में ये 10 दिलचस्प तथ्य

By विनीत कुमार | Published: April 14, 2021 9:18 AM

Ambedkar Jayanti 2021: बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की आज जयंती है। भारत के संविधान निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले बीआर आंबेडकर ने दलितों को समाज में बराबरी का हक दिलाने के लिए भी आवाज उठाई थी।

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ठळक मुद्दे14 अप्रैल, 1891 को हुआ था डॉ. बीआर आंबेडकर का जन्मबाबासाहेब को 31 मार्च 1990 को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गयाबीआर आंबेडकर अर्थशास्त्र में विदेश में पीएचडी हासिल करने वाले पहले भारतीय

भारत आज अपने संविधान निर्माता बाबासाहेब बीआर आंबेडकर की जयंती मना रहा है। बाबासाहेब की आज 130वीं जयंती है। डॉ. बीआर आंबेडकर का जन्म आज ही के दिन यानी 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था। उन्हें महान विद्वान, समाज सुधारक और दलितों के मसीहा के तौर पर देखा जाता है।

बाबासाहेब को 31 मार्च 1990 को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने ना केवल भारत की आजादी की लड़ाई में बड़ी भूमिका निभाई बल्कि भारत जैसे विविधता से भरे देश के लिए संविधान निर्माण की जिम्मेदारी उठाई। 

यही नहीं वे भारत में सबसे पिछड़े लोगों के लिए भी मुखर आवाज बने। उन्होंने देश से जाति प्रथा और समाज में कुव्यवस्था को खत्म करने के लिए कई अहम कदम उठाए। आईए उनकी जयंती पर हम आपको उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य बताते हैं। 

1. बाबासाहेब आंबेडकर का जन्म एक बेहद ही गरीब दलित परिवार में हुआ। उन्होंने दलितों के साथ होने वाल भेदभाव को बचपन से देखा और उस कष्ट का अनुभव किया था।

2. स्कूल में भी उन्हें और दूसरे दलित बच्चों को भेदभाव की नजर से देखा जाता था और अलग बैठाया जाता था। साथ ही शिक्षकों की ओर से भी उन पर ध्यान नहीं दिया जाता था। यहां तक कि पानी पीने के लिए भी उन्हें इस बात का इंतजार करना पड़ता था कि कोई ऊंची जाति वाली ऊपर से पानी किसी बर्तन से गिराए और वे उसे अपने हाथ की मदद से पी सकें।

3. आंबेडकर और दूसरे बच्चों को पानी का बर्तन स्कूल में छूने की इजाजत नहीं थी। अक्सर प्यास लगने पर स्कूल के चपरासी उन्हें ऊपर से पानी देते थे। अंबेडकर ने अपनी किताब इसका जिक्र भी किया है- No Peon, No Water. इसके मायने हुए कि अगर चपरासी नहीं तो पानी भी नहीं। 

4. आंबेडकर और दूसरे दलित बच्चों को तब कक्षाओं में अन्य बच्चों के साथ बैठने की इजाजत नहीं थी। उन्हें अलग बैठना होता था।

5. बीआर आंबेडकर की शादी 15 साल की उम्र में 9 साल की रमाबाई से हो गई थी। अपनी पहली पत्नी के निधन के बाद 1935 में उन्होंने डॉ शारदा कबीर से दूसरी शादी की, जिन्होंने बाद में सविता अंबेडकर के तौर पर अपना नाम बदल लिया।

6. बीआर आंबेडकर ने यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई, कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स जैसे संस्थानों से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। वे अर्थशास्त्र में विदेश में पीएचडी हासिल करने वाले पहले भारतीय थे।

7. बाबसाहेब न केवल भारत के संविधान को बनाने में बल्कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना में भी अहम भूमिका निभाई।

8. बाबासाहेब को भारत में दलित बौद्ध मूवमेंट शुरू करने का भी श्रेय जाता है। करीब 5 लाख दलित इस आंदोलन में उनके साथ आए और बौद्ध धर्म को अपनाया।

9. बीआर आंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को हो गया। उस समय उनकी उम्र 65 साल थी और वे उस समय डायबिटिज और कुछ अन्य बीमारियों से पीड़ित हो गए थे।

10. बाबासाहेब को मरणोपरांत 31 मार्च 1990 भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। आंबेडकर 9 भाषाओं के जानकार भी थे।

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