वर्ष 1992 में भी डॉ एसजेड कासिम की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ दल का गठन किया गया था, जिसकी संस्तुतियां भी हिमालयी राज्यों की पारिस्थिकी अवस्था के आधार पर बनी थीं।
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आज प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर मैं यह उल्लेख करना चाहता हूं कि क्या होता यदि हमें उनका यशस्वी नेतृत्व नहीं मिलता? मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि हम वह उपलब्धि अर्जित नहीं करते जो मोदी जी के शासनकाल में देश ने प्राप्त की है।
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इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि हवाई यात्रियों की जान जोखिम में डालने वाली घटनाओं की पुनरावृत्ति क्यों हो रही है। हवाई यात्रा को शत-प्रतिशत सुरक्षित बनाना विमानन कंपनियों की जिम्मेदारी ही है।
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नक्सलवादी हिंसक आंदोलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ प्रयासों के बाद से पतन के रास्ते पर है। 2014 से पहले लगभग पंद्रह से अधिक राज्य अलग-अलग तीव्रता के साथ इस समस्या का सामना कर रहे थे।
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ओजोन वातावरण के स्ट्रेटोस्फीयर भाग में धरती की सतह से ऊपर 15 किमी से लेकर 40 किमी तक की ऊंचाई में पाई जाती है। धरती पर जीवन के लिए वातावरण में ओजोन परत की उपस्थिति जरूरी है।
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दुनिया भर में हर साल जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, उसकी तीव्रता और आवृत्ति बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं। चाहे बांग्लादेश में अभूतपूर्व बाढ़ हो, फिर पाकिस्तान में आई भयानक बाढ़, उसके बाद भारत में असम में, फिर मध्य प्रदेश से सटे राजस्थान के कुछ हिस्सों में अत
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उपभोक्ता अगर कुछ सावधानियां बरतें तो इलेक्ट्रिक वाहनों में आग की घटनाओं को टाला जा सकता है. मसलन बैटरी की ओवर चार्जिंग न करें, वाहन चलाकर लाने के बाद तुरंत चार्जिंग न करें. ऐसे ही कुछ और तरीके भी हैं.
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भ्रष्टाचार आज के दौर में घर, परिवार, निजी और सरकारी संस्थाओं में हर कहीं फैलता जा रहा है और इसका परिणाम जन, जीवन और धन की हानि के रूप में दिख भी रहा है.
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