ब्लॉग: हवाई यात्राओं में लगातार गड़बड़ियां चिंताजनक, हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाना विमानन कंपनियों की जिम्मेदारी

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: September 16, 2022 10:28 PM2022-09-16T22:28:15+5:302022-09-16T22:28:15+5:30

इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि हवाई यात्रियों की जान जोखिम में डालने वाली घटनाओं की पुनरावृत्ति क्यों हो रही है। हवाई यात्रा को शत-प्रतिशत सुरक्षित बनाना विमानन कंपनियों की जिम्मेदारी ही है। 

Frequent disturbances in air travel are worrying, it is the responsibility of airlines to make air travel safe | ब्लॉग: हवाई यात्राओं में लगातार गड़बड़ियां चिंताजनक, हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाना विमानन कंपनियों की जिम्मेदारी

ब्लॉग: हवाई यात्राओं में लगातार गड़बड़ियां चिंताजनक, हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाना विमानन कंपनियों की जिम्मेदारी

एयर इंडिया का विमान मस्कट में एक बड़े हादसे का शिकार होने से बच गया। एयर इंडिया का विमान उड़ान के लिए तैयार था कि तभी उसके इंजन से आग और धुआं उठते हुए नजर आने के बाद 151 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) इस घटना की जांच कर रहा है। अच्छी बात है कि जान-माल को नुकसान नहीं हुआ। पिछले कुछ समय से विमानों में गड़बड़ियों को लेकर नियमित अंतराल में खबरें आ रही हैं।  

हर खबर चौंकाती तो अवश्य है, लेकिन जोखिम की दृष्टि से बेहद संवेदनशील हवाई यात्राओं में लगातार गड़बड़ियों के छोटे-बड़े मामले गंभीर चिंता भी जगाते हैं। जाहिर है, मामले की गंभीरता के मद्देनजर सख्त कार्रवाई होनी ही चाहिए। पिछले कुछ हादसों के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने टिप्पणी भी की थी कि हवाई कंपनियां विश्वसनीय सेवा सुनिश्चित करने में विफल रही हैं। सब जानते हैं कि हवाई यात्रा जोखिम की दृष्टि से बेहद संवेदनशील होती है। 

विमान में छोटी-सी भी तकनीकी खामी घातक साबित होती है, जिससे यात्रियों में भय का वातावरण बन जाता है। जरा-सी चूक से सैकड़ों लोगों की जिंदगी मिनटों में संकटों में घिर सकती है। इस तरह की गड़बड़ियों से  देश और विदेश के हवाई यात्रियों में बेहद नकारात्मक संदेश भी जाता है। विमानन कंपनियों के स्तर पर तो चूक हो ही रही है, लेकिन नियमन-निगरानी करने वाली सरकारी संस्थाओं के स्तर पर भी मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा हो, ऐसा लगता नहीं। 

किसी स्तर पर कोई चूक न हो इसके लिए जरूरी है कि निगरानी करने वाली संस्थाएं सतर्क रहें। लेकिन जिम्मेदार एजेंसियां एक के बाद एक होती गड़बड़ियों और हादसों के बाद भी निश्चिंत लगती हैं। विमानन कंपनियों को ‘कारण बताओ’ नोटिस दे दिया जाता है, उनकी ओर से जवाब आ जाता है। खानापूरी हो जाती है। दुर्घटनाओं से निरापद हवाई यात्रा की अनिवार्य शर्त है कि विमानन कंपनियां भरोसेमंद और विश्वसनीय हवाई सेवा यात्रियों को उपलब्ध कराएं। 

इसके लिए जरूरी है कि एयरलाइन कंपनियां आंतरिक सुरक्षा निरीक्षण की गुणवत्ता को सुधारें। साथ ही नियमित रूप से इनके रखरखाव की निगरानी रखी जानी चाहिए ताकि किसी अनहोनी को टाला जा सके। पहले हो चुकी गड़बड़ियों के बाद डीजीसीए कह भी चुका है कि अधिकांश मामलों में संचालन प्रणाली और कलपुर्जों के ठीक से काम न करने की शिकायतें मिली हैं। 

सुरक्षा के उच्चतम मानकों के क्रियान्वयन से समय रहते ऐसी तकनीकी खामियों को दूर किया जा सकता है। विमानन कंपनियों का दायित्व है कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें कि हर यात्रा से पहले विमान की तकनीकी स्थिति और सुरक्षा मानकों की जांच को सघन प्रक्रिया से गुजारा जाए।

कंपनियों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि यात्रियों की जान जोखिम में डालने वाली घटनाओं की पुनरावृत्ति क्यों हो रही है। हवाई यात्रा को शत-प्रतिशत सुरक्षित बनाना विमानन कंपनियों की जिम्मेदारी ही है। 

Web Title: Frequent disturbances in air travel are worrying, it is the responsibility of airlines to make air travel safe

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