हमारी संस्कृति में संस्कार, अच्छी शिक्षा, उदारता और परोपकार को भी वैभवशाली व्यक्ति के प्रमुख लक्ष्णों में रखा गया है। ऐसे व्यक्ति समाज में सम्मान पाते हैं यानी ये सारे गुण हमारे लिए धन हैं। ...
2012 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी तथा न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय ने कहा था कि यदि प्लास्टिक को पूरी तरह बैन नहीं किया गया तो हमारी अगली पीढ़ी के लिए यह एटम बम से भी ज्यादा खतरनाक साबित होगा। वाकई ऐसा ही लग रहा है। ...
विश्व के 193 देशों का यह संगठन वास्तव में कुछ खास देशों की जागीर बन कर रह गया है। वे जैसा चाहते हैं, संयुक्त राष्ट्र वैसा ही फरमान सुनाता है। सारी शक्ति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों अमेरिका, यूके, रूस, फ्रांस और चीन के पास सिमटी हुई है। ...
स्त्री को निश्चय ही उसकी निजता का अधिकार होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार को लेकर अपने फैसले में बिल्कुल सही कहा है कि महिला अपने पति की संपत्ति नहीं है। ...
इसरो का गठन तो वैसे 15 अगस्त 1969 को हुआ लेकिन भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के पितामह डॉ। विक्रम साराभाई इसरो के गठन की गतिविधियां 1963 में ही शुरू कर चुके थे। उन्हें यह जिम्मेदारी तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सौंपी थी। ...