नई इबारत लिखेगा अमेरिकी मीडिया का ये संघर्ष

By विजय दर्डा | Published: November 19, 2018 05:30 AM2018-11-19T05:30:00+5:302018-11-19T05:30:00+5:30

न केवल अमेरिका बल्कि हर जगह लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए आजाद मीडिया बहुत जरूरी है. 

American Media struggle will write a new history | नई इबारत लिखेगा अमेरिकी मीडिया का ये संघर्ष

नई इबारत लिखेगा अमेरिकी मीडिया का ये संघर्ष

यूं तो पूरी दुनिया में इस वक्त मीडिया के लिए संघर्ष का समय है लेकिन जब अमेरिका जैसे मजबूत लोकतांत्रिक देश में भी मीडिया का गला घोंटने की कोशिश होने लगे तो चिंतित होना स्वाभाविक है. हालात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मीडिया को खुलेआम देशद्रोही कह रहे हैं. वास्तव में वे बेलगाम हो रहे हैं. 

इसी महीने सीएनएन के व्हाइट हाउस संवाददाता जिम एकोस्टा के एक तीखे सवाल पर ट्रम्प भड़क गए. उन्होंने एकोस्टा को असभ्य कह दिया और कर्मचारियों से कहा कि वे एकोस्टा से माइक छीन लें. बड़ी तीखी बहस हुई. ट्रम्प ने यहां तक आरोप लगा दिया कि मीडिया शत्रुओं जैसा व्यवहार कर रहा है. दरअसल एकोस्टा ने सेंट्रल अमेरिका, मैक्सिको से आने वाले प्रवासियों के बारे में सवाल पूछा था जिसे ट्रम्प देश के लिए खतरा बता चुके हैं. ट्रम्प ने रिपोर्टर से कहा कि ‘मुङो देश चलाने दो, तुम सीएनएन चलाओ.’ 

इस प्रेस कान्फ्रेंस के कुछ ही देर बाद एकोस्टा की प्रेस मान्यता निलंबित कर दी गई. ट्रम्प इतने भड़के हुए थे कि उन्होंने ट्वीट किया कि सीएनएन, दुनिया के सामने अमेरिका को बेहद गलत तरीके से पेश कर रहा है. सीएनएन ने भी ट्वीट किया ‘दुनिया के सामने अमेरिका को पेश करने का काम सीएनएन का नहीं है. यह आपका काम है. हमारा काम खबरें रिपोर्ट करना है.’
 
ऐसा नहीं है कि ट्रम्प केवल सीएनएन से ही झगड़ रहे हैं. वे तो न्यूयॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट जैसे अखबारों पर भी भड़के हुए हैं. मीडिया हैरान है कि ट्रम्प ऐसा क्यों कर रहे हैं? हाल ही में न्यूयॉर्क  टाइम्स के प्रकाशक ए जी सल्जबर्जर  के साथ ट्रम्प की मुलाकात भी हुई थी और उन्होंने ट्रम्प को समझाया था कि समाचार मीडिया पर उनके बढ़ते हमले अमेरिका के लिए हानिकारक हैं. लेकिन ट्रम्प ने तो बैठक के बाद सोशल मीडिया के सहारे न्यूयॉर्क टाइम्स पर फिर हमला बोल दिया. 

बहरहाल सीएनएन ने एकोस्टा की व्हाइट हाउस प्रेस मान्यता निलंबित किए जाने के खिलाफ अदालत की शरण ली. प्रारंभिक सुनवाई के बाद अदालत ने प्रेस मान्यता बहाल करने के आदेश दिए हैं. यह निश्चय ही ट्रम्प के लिए बड़ा झटका है और वहां की मीडिया के लिए बहुत बड़ी जीत भी है. दरअसल जब से ट्रम्प सत्ता में आए हैं उन्होंने ‘अमेरिका फस्र्ट’ का नव राष्ट्रवादी स्लोगन दिया है. इसी को हथियार बनाकर ट्रम्प ने मीडिया पर हमला करना शुरू किया. उनकी चाहत है कि मीडिया बस उनका गुणगान करता रहे. हर तरह से वे मीडिया को दबाने की कोशिश में लगे हैं. 

ट्रम्प की हरकतों से परेशान मीडिया ने भी कसम खा ली है कि हमलों का मुंहतोड़ जवाब देंगे. करीब तीन महीने पहले अमेरिकी अखबारों ने एक गजब का और ऐतिहासिक कदम उठाया. बोस्टन ग्लोब नाम के 146 साल पुराने अखबार ने देश भर के अखबारों से आग्रह किया कि सभी अखबार एक दिन ‘प्रेस की आजादी’ विषय पर संपादकीय लिखें. कमाल देखिए कि जिस दिन हम भारतीय आजादी दिवस मना रहे थे उसी दिन अमेरिका के 300 अखबार ट्रम्प की हरकतों पर संपादकीय लिख रहे थे. 16 अगस्त को यह संपादकीय छपा!

न्यूयॉर्क टाइम्स के संपादकीय का मैं यहां जिक्र कर रहा हूं. उस अखबार ने लिखा कि सरकारी अधिकारियों की तरफ से इस साल प्रेस पर बहुत हमले हुए हैं. यह हो सकता है कि कुछ खबरें कम छपें या ज्यादा छपें. कुछ ज्यादा दिखाई जाएं या कम दिखाई जाएं! कुछ गलत छपा हो तो उसकी आलोचना की जा सकती है. रिपोर्टर और संपादक भी इंसान ही होता है. वह गलतियां कर सकता है. उसे ठीक करना हमारा दायित्व है. लेकिन आपको जो खबर ठीक नहीं लगती है उसे फेक न्यूज कहना लोकतंत्र के लिए हानिकारक है. पत्रकारों को जनता का दुश्मन कहना भी अत्यंत खतरनाक है. दूसरे अखबारों ने भी अमूूमन इसी तरह के संपादकीय लिखे और ट्रम्प को यह बताने की कोशिश की कि आप मीडिया का गला न घोंटें. आम आदमी तक जानकारियां पहुंचाना मीडिया का नैतिक कर्तव्य है.

मैं अमेरिकी मीडिया के संघर्ष और हौसले की तारीफ करना चाहूंगा जिसने ट्रम्प के ‘नव राष्ट्रवाद’ के सामने झुकने से इनकार कर दिया है. लोकतंत्र के लिए यह बहुत जरूरी है क्योंकि मीडिया यदि नतमस्तक हो गया तो किसी भी सत्ता के तानाशाह बन जाने की राह आसान हो जाएगी.  कोई भ्रष्टाचार सामने नहीं आ पाएगा और सत्ता की जो मर्जी होगी उसे कानून के रूप में लागू कर दिया जाएगा. दरअसल सत्ता व्यवस्था पर मीडिया का अंकुश बहुत जरूरी है. न केवल अमेरिका बल्कि हर जगह लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए आजाद मीडिया बहुत जरूरी है.

Web Title: American Media struggle will write a new history

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