प्रमोद भार्गव वरिष्ठ पत्रकार व साहित्कार हैं। वे जनसत्ता से लेकर हंस तक कई पत्र-पत्रिकाओं में लेखन का काम कर चुके हैं। 'भाषा और भाषाई शिक्षा के बुनियादी सवाल' और 'मीडिया का बदलता स्वरूप' प्रमोद भार्गव की प्रमुख किताबों के लेखक हैं।Read More
मोदी ने ‘एक भविष्य’ सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रकृति का नियम है कि जो व्यक्ति और संस्था समय के साथ स्वयं में बदलाव नहीं लाते हैं, वह अपना वजूद खत्म कर देते हैं. ...
चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतारने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने आदित्य-एल-1 को सूर्य की कक्षा में पहुंचाने के अभियान में जुट गया है। ...
आज विकास के बहाने भोग की जल्दबाजी में समूचे हिमालय को दरकाने का सिलसिला अत्यंत तेज गति से जारी है। केदारनाथ की आपदा से लेकर वर्तमान में हिमाचल और उत्तराखंड में हुई तबाही से कोई सबक नीति-नियंताओं ने नहीं लिया। ...
विदेशी चीतों को भारत की धरती कभी रास नहीं आई. इनको बसाने के प्रयास पहले भी होते रहे हैं. एक समय चीते की रफ्तार भारतीय वनों की शान हुआ करती थी. लेकिन 1947 के आते-आते चीतों की आबादी लुप्त हो गई. ...
वैज्ञानिकों को लुभाने की सरकार की अनेक कोशिशों के बावजूद देश के लगभग सभी शीर्ष संस्थानों में वैज्ञानिकों की कमी बनी हुई है। वर्तमान में देश के 70 प्रमुख शोध-संस्थानों में 3200 वैज्ञानिकों के पद खाली हैं। बेंगलुरु के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान पर ...
यह समझौता इसलिए मील का पत्थर है, क्योंकि अभी तक अमेरिकी कंपनी ने इस तरह के सौदे केवल आठ देशों से ही किए हैं. अब इन देशों में भारत भी शामिल हो गया है. ...
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फिलिपो ग्रैंडी ने कहा कि उत्पीड़न और मानवाधिकारों के उल्लंघन के कारण करीब 11 करोड़ लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. ...