ग्लासगो, 10 नवंबर (एपी) चीन के जलवायु दूत शी झेनहुआ ने कहा है कि चीन और अमेरिका ने ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र की वार्ता में जलवायु संबंधी उपायों में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया है।
झेनहुआ ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि दुनिया के कार्बन उत्सर्जन करने वाले दो बड़े देश जलवायु परिवर्तन पर 2015 के पेरिस समझौते के दिशा निर्देशों पर आधारित एक संयुक्त बयान में अपने प्रयासों का खाका पेश करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता में बातचीत के तहत एक समझौते के मसौदे के अनुसार, सरकारें कोयला ऊर्जा में कमी पर विचार कर रही है जो मानव निर्मित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत है।
स्कॉटलैंड के ग्लासगो में वार्ता में बुधवार को जारी मसौदे में ‘‘कोयले के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से कम करने और जीवाश्म ईंधन के लिए सब्सिडी देने’’ की प्रक्रिया में तेजी लाने का आह्वान किया गया। हालांकि इसके लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गयी है।
ग्रीनपीस इंटरनेशनल की निदेशक जेनिफर मोर्गन ने कहा कि मसौदे में कोयले के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने और जीवाश्म ईंधनों के लिए सब्सिडी देने के आह्वान को संयुक्त राष्ट्र जलवायु समझौते में प्राथमिकता दी जाएगी, लेकिन इसमें समयसीमा तय नहीं की गयी है जिससे इस संकल्प का प्रभाव सीमित होगा।
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