वाशिंगटन, पांच सितंबर (एपी) अफगानिस्तान में असफल युद्ध का पश्चिम एशियाई देशों के साथ संबंधों पर पड़ने वाले संभावित असर के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन खाड़ी देशों तथा यूरोप के सहयोगियों के साथ चर्चा करेंगे। ब्लिंकन और लॉयड रविवार को अलग-अलग खाड़ी देशों के लिए रवाना हो रहे हैं। वे क्षेत्र के नेताओं से मुलाकात करेंगे। अमेरिका की कोशिश अफगानिस्तान में चरमंपथियों के खतरे को दोबारा उभरने से रोकने की है। इन नेताओं में से कई तालिबान के खिलाफ 20 साल तक चली लड़ाई में वाशिंगटन के साझेदार रहे हैं। माना जा रहा है कि ऑस्टिन और ब्लिंकन की एक साथ हो रही यात्रा खाड़ी में मौजूद साझेदार देशों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश है कि राष्ट्रपति जो बाइडन का अफगानिस्तान में अमेरिकी युद्ध को समाप्त करने का फैसला चीन और रूस जैसी अन्य सुरक्षा चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए है, न कि पश्चिम एशिया के साझेदारों को अकेला छोड़ने के लिए। अमेरिकी सेना की खाड़ी में दशकों से मौजूदगी है और अमेरिकी नौसेना के पांचवें बेडे़ का मुख्यालय बहरीन में है। बाइडन ने अमेरिकी मौजूदगी को समाप्त करने का संकेत नहीं दिया है लेकिन उन्होंने चीन को पहली सुरक्षा प्राथमिकता करार दिया है और इसके साथ ही रूस से रणनीतिक चुनौती मिलने की बात कही है। ऑस्टिन ने पेंटागन में खाड़ी देशों की यात्रा की घोषणा करते हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आतंकवाद के खतरों पर लगातार ध्यान है और ‘‘कहीं भी अमेरिकी लोगों को होने वाले खतरे से निपटने की कोशिश की जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अमेरिका चीन की ओर से पेश आ रही नयी रणनीतिक चुनौती पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वहीं, ब्लिंकन कतर की यात्रा पर जा रहे हैं। वह जर्मनी में भी रुकेंगे जहां वह अफगानिस्तान से निकाले गए लोगों से मिलेंगे जिन्हें रामस्टिन एयर बेस पर रखा गया है और जो अमेरिका जाने के लिए मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान वह 20 देशों के समकक्षों के साथ डिजिटल बैठक में भी हिस्सा लेंगे। ऑस्टिन की योजना अपनी यात्रा कतर को धन्यवाद देने के साथ शुरू करने की है जिसने काबुल से लोगों को निकालने में अमेरिका की मदद की है। बहरीन की यात्रा के दौरान उनकी योजना अमेरिकी मरीन कर्मियों से बात करने की है। रक्षा मंत्री की कुवैत और सऊदी अरब भी जाने की भी योजना है।
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