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बेहतर निर्माण मानक जलवायु, स्वास्थ्य और जेब के लिए बेहतर साबित हो सकते हैं

By भाषा | Updated: October 4, 2021 12:33 IST

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(ट्रिवेस मूर, एलन पीयर्स, निकोला विलैंड, आरएमआईटी यूनिवर्सिटी और एरिका बरतक, द यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न)

मेलबर्न, चार अक्ट्रबर (द कन्वरसेशन) जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की हालिया रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि हमें तत्काल निम्न कार्बन उत्सर्जन वाले भविष्य की ओर रुख करना होगा। इनमें एक प्रमुख कारक नये और मौजूदा भवन निर्माण मानकों में सुधार करना है जो आसानी से हो सकता है।

ऑस्ट्रेलिया में नये भवन निर्माण की गुणवत्ता से जुड़ी आवश्यकताएं राष्ट्रीय निर्माण संहिता के तहत निर्धारित होती हैं। इसमें आखिरी बार 2010 में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया था और छह-सितारा (6 स्टार) आवश्यकताओं को शामिल किया गया था। ये जरूरतें अंतरराष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं के मुकाबले न्यूनतम 40 प्रतिशत कम कठोर हैं।

राष्ट्रीय भवन निर्माण संहिता के ऊर्जा दक्षता खंड में प्रस्तावित बदलाव आगे की दिशा में अच्छा कदम हो सकता है। हालांकि और भी अधिक काम किया जा सकता है।

भवन निर्माण गुणवत्ता की आवश्यकताओं में सुधार न केवल जलवायु के लिए अच्छा है बल्कि इससे स्वास्थ्य संबंधी लाभ होते हैं, बिजली के बिल कम होते हैं और हमारे घर अधिक सुविधाजनक हो जाते हैं।

बदलाव हो रहा है:

राष्ट्रीय भवन निर्माण संहिता 2022 के लिए प्रस्तावित ऊर्जा दक्षता बदलावों में निम्नलिखित शामिल हैं।

घरों की न्यूनतम तापीय प्रदर्शन क्षमता को छह सितारा से बढ़ाकर सात सितारा करना; गर्म करने, ठंडा करने, बिजली, गर्म पानी आदि के उपकरणों का प्रदर्शन संपूर्ण घर के हिसाब से निर्धारित करना; सोलर फोटोवैल्टिक पैनल और विद्युत चालित वाहनों के लिए चार्जिंग उपकरणों को सुगमता से शामिल करने के नये प्रावधान तैयार करना आदि।

प्रस्तावित नियामक बदलाव के किफायती प्रभावों को समझने में सरकारी अधिकारियों की मदद के लिए ‘नियामक प्रभाव वक्तव्य’ भी जारी किया गया है।

कुल मिलाकर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि प्रस्तावित और कड़े निर्धारणों पर आने वाली लागत समाज के फायदे की तुलना में अधिक होगी।

अच्छी बात है कि अधिकतर घरों में उच्च मानकों की अतिरिक्त लागत पर बढ़ोतरी को बिजली की दरों में कमी से समायोजित किया जाएगा।

नियामक प्रभाव वक्तव्य की विक्टोरिया की सरकार और ऑस्ट्रेलिया की हरित भवन परिषद समेत कुछ हितधारकों ने आलोचना भी की है। आलोचकों ने इसमें स्वास्थ्य और कुशलक्षेम, ऊर्जा नेटवर्क पर प्रभाव और जलवायु आपात कार्रवाई पर सीमित विचार-विमर्श की ओर ध्यान दिलाया है।

कुछ आर्थिक अवधारणा संबंधी मुद्दे भी हैं जिनमें फैसलों के पर्यावरण संबंधी प्रभाव नहीं झलकते हैं।

उक्त परिप्रेक्ष्य में सार्वजनिक विचार-विमर्श 17 अक्टूबर तक जारी हैं।

प्रस्तावित बदलाव कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया में आज के समय में 5 प्रतिशत से भी कम नये आवास में सात या अधिक स्टार प्राप्त करने के उद्देश्य से निर्माण किया जाता है। नये बदलाव हर साल हजारों नये घरों के लिहाज से कारगर होंगे।

सात सितारा मानकों से नये घरों के लिए ग्रीष्म और शीतलन ऊर्जा करीब 24 प्रतिशत तक कम होगी जिससे बिजली के बिल कम हो जाएंगे।

सस्टेनेबिलिटी विक्टोरिया के जीरो नेट कार्बन होम्स कार्यक्रम के अनुसंधान से पता चलता है कि मानकों में सुधार से क्षमता बढ़ सकती है।

कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए हमें घर के आकार और उसमें इस्तेमाल निर्माण सामग्री के कुल ऊर्जा खपत पर प्रभाव को समझने की जरूरत है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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