थर्ड बैटल ऑफ़ पानीपत बहुत ही भयानक थी.उस वक़्त मराठा साम्राज्य बहुत पावरफुल था. अफगानिस्तानी शासक अहमद शाह अब्दाली जो मराठों को खत्म कर हिंदुस्तान पर राज़ करना चाहता था. थ ये लड़ाई दिल्ली से 90 km दूर पानीपत के मैदान में लड़ी गई थी. उस वक़्त अहमद शाह अब्दाली को अन्य दो भारतीय राजाओं, रोहिल्ला अफगान दोआब और अवध के नवाब शुजा-उद-द्दौला का साथ मिल गया था. अहमद शाह अब्दाली के नेतृत्व में अफगान सेना और सदाशिव भाउ के नेतृत्व में मराठों के बीच हुए इस युद्ध में जाने कितने ही योद्धा मारे गए थे, कितनो का खून बहा था, कितने ही सैनिक शहीद हुए थे इस बात का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है. कहा जाता है इस युद्ध में 40, 000 मराठी सैनिक शहीद हो गए थे. सदाशिव राव यानी मराठों की सेना की पानीपत के तीसरे युद्ध में हार हो गई थी है.