'शोले आज लिखनी होती तो धर्मेंद्र और हेमा मालिनी के बीच मंदिर का दृश्य नहीं लिखता' , जावेद अख्तर ने कहा- यह एक मुद्दा बन जाता
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: January 7, 2024 04:28 PM2024-01-07T16:28:43+5:302024-01-07T16:30:45+5:30
जावेद अख्तर ने मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए कहा कि अगर मैं आज शोले की स्क्रिप्ट लिख रहा होता तो धर्मेंद्र और हेमा मालिनी के बीच मंदिर का दृश्य नहीं लिखता। क्योंकि इससे समस्या हो जाती। यह एक मुद्दा बन जाता।
नई दिल्ली: मशहूर पटकथा और गीत लेखक जावेद अख्तर अपने दिल की बात कहने में कभी नहीं हिचकिचाते। अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर जावेद अख्तर ने हाल ही में एक टीवी कार्यक्रम के दौरान कुछ ऐसी बातें कहीं जो अब चर्चा का विषय बन गई हैं।
बीपी माझा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने कला और सिनेमा से जुड़ी कई बातें कीं। उन्होंने बताया कि कैसे इन दिनों फिल्म निर्माण मुश्किल हो गया है। जावेद अख्तर ने कहा कि फिल्म एक महंगी कवायद है, इसके लिए बड़ी पूंजी की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि पूंजी एक एजेंडे के साथ आती है, वह चाहती है कि व्यापक हित सुरक्षित रहें। आज सच तो यह है कि फिल्म बनाना पहले से भी मुश्किल हो गया है। एक अच्छी या यथार्थवादी फिल्म बनाने का डर बढ़ गया है। ऐसी फिल्म जिन लोगों को मिलती है वे डर जाते हैं और सेंसर भी डर जाता है।
जावेद अख्तर ने मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए कहा कि अगर मैं आज शोले की स्क्रिप्ट लिख रहा होता तो धर्मेंद्र और हेमा मालिनी के बीच मंदिर का दृश्य नहीं लिखता। क्योंकि इससे समस्या हो जाती। यह एक मुद्दा बन जाता। मैंने इसे कुछ अन्य फिल्मों के साथ देखा है जो छोटी-छोटी बातों पर विवाद में आ जाती हैं। पहले ऐसा नहीं था।
बता दें कि धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, जया बच्चन, अमजद खान और संजीव कुमार अभिनीत 1975 की रमेश सिप्पी की एक्शन-एडवेंचर फिल्म शोले एक भारतीय क्लासिक है। यह फिल्म अपने संवादों और कहानी के लिए प्रतिष्ठित मानी जाती है।
कुछ दिनों पहले रणबीर कपूर की फिल्म एनिमल की बॉक्स ऑफिस सफलता पर जावेद अख्तर ने भी टिप्पणी की थी। उन्होंने फिल्म पर चिंता व्यक्त करते हुए न सिर्फ इसे खतरनाक बताया बल्कि दर्शकों से ज्यादा समझदार बनने की अपील भी की थी।