पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न राजीव गांधी को टेलीकॉम, आईटी, पंचायती राज समेत अन्य कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए जाना जाता है। राजीव गांधी का जन्म इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के बड़े बेटे के रूप में 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। राजीव गांधी ने छोटे भाई संजय गांधी की 23 जून 1980 को एक विमान दुर्घटना में मौत के बाद राजनीति में कदम रखा था। 21 मई 1991 को राजीव गांधी हमारे बीच नहीं रहे। उन्हें एक रैली में जाते हुए बम से उड़ा दिया गया था। वीरभूमि समाधि स्थल में उनका अंतिम संस्कार किया गया है। उनकी समाधि स्थल पर एक बड़ा कमल पुष्प जिसको घेरे हुए 46 छोटे कमल उनके जीवन के वर्ष दर्शाते हैं। इसको घेरे हुए सभी राज्यों से आईं शिलाएं रखी हैं। Read More
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने महात्मा गांधी के बारे में कहा था कि 'भविष्य की पीढ़ियों को इस बात पर विश्वास करने में मुश्किल होगी कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई व्यक्ति भी कभी धरती पर आया था.' वाकई आज की पीढ़ी बापू को क्या ठीक से नहीं जानती है. बापू ...
आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी समेत 119 नेताओं को "भारत यात्री" का नाम दिया है जो कन्याकुमारी से पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे। ये लोग कुल 3570 किलोमीटर को दूरी तय करेंगे। ...
निर्देशक नागेश कुकुनूर ने बताया, “मैं राजीव गांधी के असैसिन नाईंटी डेजः द ट्रू स्टोरी ऑफ द हंट से एडैप्टेड एक थ्रिलिंग और दिल्चप्स कहानी बनाने के लिए काफी उत्सुक हूं। ...
यह कोई पहली बार नहीं है,जब कांग्रेस छोड़ने वालों की कतार लगी है. अतीत इस बात का सबूत देता है. पिछले 75 साल में इस पार्टी ने 60 से अधिक छोटे-बड़े विभाजन भी देखे हैं. ...
करण थापर ने अपनी पुस्तक 'डेविल्स एडवोकेट' के 'फोर मेमोरेबल प्राइम मिनिस्टर्स' अध्याय में दो अलग-अलग राजनीतिक धाराओं से आने वाले इन दोनों भारत रत्न प्रधानमंत्रियों की पारस्परिक सदाशयता जताने वाले इस अनुभव का तफसील से जिक्र किया है. बहरहाल, देश का जो क ...
भाजपा द्वारा सोशल मीडिया पर चलाये जा रहे 'देश की बदली सोच' कैंपेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दिये गये भाषणों की तुलना कांग्रेस काल में प्रधानमंत्री रहे राजनेताओं के भाषणों से की गई है। ...
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे आज की तारीख में दावा कर रहे हैं कि उनके साथ में शिवसेना के उतने विधायक हैं, जो उन्हें दल-बदल कानून से बचाने के लिए पर्याप्त हैं। ऐसे में हर किसी के जेहन में आ रहा होगा कि आखिर ये दल-बदल कानून है और इस कानून का इतना खौ ...