भाजपा ने कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों से पीएम मोदी के भाषणों की तुलना करते हुए शुरू किया 'देश की बदली सोच' कैंपेन
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 17, 2022 02:06 PM2022-08-17T14:06:37+5:302022-08-17T14:11:00+5:30
भाजपा द्वारा सोशल मीडिया पर चलाये जा रहे 'देश की बदली सोच' कैंपेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दिये गये भाषणों की तुलना कांग्रेस काल में प्रधानमंत्री रहे राजनेताओं के भाषणों से की गई है।
दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से कांग्रेसी शासनकाल में रहे प्रधानमंत्रियों के भाषण की तुलना करते हुए 'देश की बदली सोच' कैंपेन शुरू किया है। भाजपा द्वारा सोशल मीडिया पर चलाये जा रहे इस कैंपेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दिये गये भाषणों को लिया गया है, जिसकी तुलना कांग्रेस काल में प्रधानमंत्री रहे राजनेताओं के भाषणों से की गई है।
इस संबंध में मंगलवार की रात भारतीय जनता पार्टी ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किये गये कई ट्वीट्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए गए भाषणों के कुछ हिस्सों को ग्राफिक्स के जरिये दिखाया गया है।
देश की बदली सोच!
— BJP (@BJP4India) August 16, 2022
वो अपनों की बात करते रहे, हम सबको श्रेय देते रहे। pic.twitter.com/lEMj8xAcYY
भाजपा ने इस तुलना के दौरान ट्वीट करके देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर आरोप लगाया है कि उन्होंने साल 1963 के स्वतंत्रता दिवस पर दिये भाषण में उन शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि नहीं दी, जिन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध में अपने प्राणों का बलिदान दिया। नेहरू की आलोचना के साथ भाजपा यह भी बता रही है कि साल 2020 के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में उन सैनिकों को याद करने का काम किया, जिन्होंने लद्दाख में चीनी सेना के साथ संघर्ष में अपनी जान कुर्बान कर दी थी।
एक ट्वीट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 2008 और 2009 में दिये भाषणों में नेहरू-गांधी परिवार के प्रधानमंत्रियों की सराहना करते हुए दिखाया गया है और भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री सिंह पर तंज करते हुए आरोप लगाया कि वो "चुनिंदा शख्सियतों को याद करते हुए एक परिवार को खुश करने" में लगे हुए थे। भाजपा ने सिंह के भाषण की तुलना पीएम मोदी के साल 2014 के भाषण से की है, जिसमें पीएम मोदी ने कहा था कि देश सभी सरकारी प्रमुखों के योगदान के कारण उस मुकाम पर पहुंचा है, जहां वो गर्व कर सके।
भाजपा ने इस कैंपेन में प्रमुख तौर से साल 1975 के आपातकाल को याद करते हुए कहा है कि आपातकाल लगाने के बाद इंदिरा गांधी ने राष्ट्र के लिए और नागरिकों के लिए इसे "कड़वी गोली" के रूप में उचित ठहराया था। दूसरी ओर पीएम मोदी ने साल 2017 के भाषण में लोकतंत्र को भारत की "सबसे बड़ी ताकत" बताया है।
भाजपा ने नेहरू के 'पंचशील' सिद्धांत पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि नेहरू के पंचशील समझौते के बावजूद चीन ने 1962 में भारत पर हमला किया। उसके बाद भी कांग्रेस नेतृत्व ने कश्मीर और लद्दाख पर नरम नीति रखा लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर और लद्दाख पर जिस सख्त नीति का परिचय दिया, वह अभूतपूर्व है।
मालूम हो कि कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार "आत्मकेंद्रित" होकर देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को "तुच्छ" साबित करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी मौजूदा सत्ता द्वारा ऐसे विषयों पर राजनीतिक लाभ के प्रयासों का कड़ा विरोध करेगी।
सोनिया गांधी ने जैसे ही स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री मोदी की सरकार को घेरने का प्रयास किया, भाजपा ने उसके उसके अगले दिन सोशल मीडिया पर 'देश की बदली सोच' कैंपेन जारी करके उन्हें जवाब देने का प्रसाय किया है। भाजपा का प्रयास है कि वो 1947 में भारत के विभाजन से लेकर हर महत्वपूर्ण नकारात्मक घटना के लिए कांग्रेस नेतृत्व को जिम्मेदार ठहरा सके। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)