पांच महिलाओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में बनी ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid Case) के परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा करने की इजाजत देने को लेकर वाराणसी कोर्ट में गुहार लगाई थी। महिलाओं की मांग पर कोर्ट ने यहां सर्वे कराने का आदेश दिया था। जिसके बाद 14, 15 और 16 मई को मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण किया गया। माना जाता है कि 1699 में मुगल शासक औरंगजेब ने मूल काशी विश्वनाथ मंदिर को तुड़वाकर ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई थी। यहां से मस्जिद को हटाए जाने को लेकर पहली याचिका 1991 में दाखिल हुई थी। 2019 में मस्जिद के आर्कियोलॉजिकल सर्वे को लेकर याचिका दाखिल हुई थी, जो अभी अदालत में लंबित है। Read More
याचिकाकर्ता राखी सिंह ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम पक्ष परिसर में उपलब्ध हिंदू प्रतीकों को मिटाने का प्रयास कर रहा है। यह याचिका अधिवक्ता मानबहादुर सिंह और राखी सिंह के वकील अनुपम द्विवेदी द्वारा दायर की गई है। ...
यूपी में अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विपक्षी दलों ने कई बार कटघरे में खड़ा किया है। यूपी सीएम ने कहा कि जनता अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई चाहती है। ...
योगी इस सवाल का जवाब देते हुए नजर आए कि ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मंदिर का कोई हल है। इसपर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "मुझे लगता है कि भगवान ने जिसको दृष्टि दी है वो देखे न त्रिशूल मस्जिद के अन्दर क्या कर रहा है, हमने तो नहीं रखे हैं न, ज्योतिर्लिंग ह ...
योगी आदित्यानाथ ने इस मामले पर एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर उसको (ज्ञानवापी परिसर को) मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। जवाब में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब तक उच्च न्यायालय का निर्णय नहीं आ जाता, तब तक वो ज्ञानवापी मस्जिद ...
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर उसको मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। दरअसल, योगी इस सवाल का जवाब देते हुए नजर आए कि ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मंदिर का कोई हल है। ...