ज्ञानवापी मामला: वाराणसी अदालत में दायर की गई नई याचिका, मस्जिद परिसर में मौजूद हिंदू प्रतीकों के संरक्षण की अपील
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 2, 2023 05:20 PM2023-08-02T17:20:22+5:302023-08-02T17:21:32+5:30
याचिकाकर्ता राखी सिंह ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम पक्ष परिसर में उपलब्ध हिंदू प्रतीकों को मिटाने का प्रयास कर रहा है। यह याचिका अधिवक्ता मानबहादुर सिंह और राखी सिंह के वकील अनुपम द्विवेदी द्वारा दायर की गई है।
वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक राखी सिंह ने वाराणसी जिला अदालत में एक याचिका दायर कर मस्जिद परिसर में मौजूद हिंदू धर्म से जुड़े प्रतीकों की रक्षा करने का आग्रह किया है। याचिकाकर्ता राखी सिंह ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम पक्ष परिसर में उपलब्ध हिंदू प्रतीकों को मिटाने का प्रयास कर रहा है।
यह याचिका अधिवक्ता मानबहादुर सिंह और राखी सिंह के वकील अनुपम द्विवेदी द्वारा दायर की गई है। राखी सिंह श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामला दायर करने वाली पांच हिंदू महिला वादियों में से एक हैं। राखी सिंह ने वाराणसी की जिला अदालत से मां श्रृंगार गौरी स्थल पर पूजा की अनुमति भी मांगी है।
राखी सिंह द्वारा दायर की गई याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने आरोप को बेबुनियाद बताया और कहा कि हमारे वकील इस मामले में जवाब देंगे। वहीं याचिकाकर्ता के वकील अनुपम द्विवेदी ने बताया कि कोर्ट ने सुनवाई के लिए 4 अगस्त की तारीख तय की है।
बता दें कि इस ज्ञानवापी परिसर से जुड़े कई मामले पहले से ही वाराणसी की जिला अदालत और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चल रहे हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण पर चल रही रोक को 3 अगस्त को फैसला सुनाए जाने तक बढ़ा दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि मस्जिद के सर्वेक्षण को अस्थायी रूप से निलंबित करने वाला 24 जुलाई का सुप्रीम कोर्ट का आदेश 3 अगस्त तक लागू रहेगा।
इससे पहले 21 जुलाई को, वाराणसी की जिला अदालत ने एएसआई द्वारा मस्जिद के व्यापक सर्वेक्षण का आदेश दिया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर बनाया गया था या नहीं। कोर्ट ने माना था कि सच्चाई सामने लाने के लिए वैज्ञानिक जांच आवश्यक है। बाद में मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने वैज्ञानिक जांच पर रोक लगा दी थी।