मोदी सरकार की इस पहल के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अब सामाजिक स्तर पर चल रहे भेदभाव को खत्म करने में सफलता मिलेगी, क्योंकि कल तक जो आरक्षण के विरोध में थे आज वो खुद आरक्षण के दायरे में हैं. और इसके लिए बाकायदा सरकार के जयकारे भी लगा रहे हैं. ...
राजनीतिक जानकार राजस्थान में इसका मिलाजुला असर रहने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं, क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले इसका कोई सीधा-सीधा लाभ बेरोजगारों को नहीं मिलना है. इसकी आर्थिक सीमाओं को लेकर भी सवाल हैं कि- क्या वास्तव में सवर्ण गरीबों को इसका लाभ मिल ...
सरकार के इस बिल ने एक ही झटके में सब बराबर की भावना को प्रज्वलित किया है. नरेन्द्र मोदी को इसका अंदाजा हो गया था कि लोकसभा चुनाव से पहले तमाम जातियां आरक्षण का होर्डिंग लेकर सड़कों पर निकलेंगी, इसलिए उससे पहले ही सरकार ने यह राजनीतिक ब्रह्मास्त्र चल द ...
10 percent quota for economically weak: सवर्णों को आरक्षण देने का उद्देश्य केंद्र और राज्य में शिक्षा के क्षेत्र, सरकारी नौकरियों, चुनाव और कल्याणकारी योजनाओं में हर वर्ग की हिस्सेदारी सुनिश्चित करना है। ...
सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पारित कर दिया गया। लेकिन ये तो महज शुरुआत है। मोदी सरकार की तरकश में हैं कई और तीर जो बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित... ...
सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक बुधवार रात राज्यसभा में पारित हो गया। इसके बाद लोगों ने खुशी जताई। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित किया जा चुका है। ...
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को बुधवार को संसद की मंजूरी मिल गयी। ...
राज्यसभा ने करीब 10 घंटे तक चली बैठक के बाद संविधान (124 वां संशोधन), 2019 विधेयक को सात के मुकाबले 165 मतों से मंजूरी दे दी गई।लोकसभा ने इस विधेयक को ही मंजूरी दी थी। जहां मतदान में 3 के मुकाबले 323 मतों से लोकसभा की मंजूरी मिल गयी थी। ...