सवर्ण आरक्षण की तरह मोदी सरकार कर सकती है ये बड़ी घोषणाएं, बिगड़ जाएगा विपक्ष का चुनावी गणित!

By आदित्य द्विवेदी | Published: January 10, 2019 10:08 AM2019-01-10T10:08:15+5:302019-01-10T11:39:59+5:30

सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पारित कर दिया गया। लेकिन ये तो महज शुरुआत है। मोदी सरकार की तरकश में हैं कई और तीर जो बिगाड़ सकते हैं विपक्ष का गणित...

14 days long budget session speculations Modi Government announce like general category reservations | सवर्ण आरक्षण की तरह मोदी सरकार कर सकती है ये बड़ी घोषणाएं, बिगड़ जाएगा विपक्ष का चुनावी गणित!

सवर्ण आरक्षण की तरह मोदी सरकार कर सकती है ये बड़ी घोषणाएं, बिगड़ जाएगा विपक्ष का चुनावी गणित!

Highlightsशीतकालीन सत्र के राज्यसभा में सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी विधेयक को पारित कर लिया गया।केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि 31 जनवरी से 13 फरवरी तक बजट सत्र बुलाया जाएगा।मोदी सरकार के तरकश में सवर्ण आरक्षण के अलावा कौन से मारक तीर मौजूद हैं।

संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार को समाप्त हो गया। आखिरी दिन राज्यसभा में सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी विधेयक को पारित कर लिया गया। इसी के साथ केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि 31 जनवरी से 13 फरवरी तक बजट सत्र बुलाया जाएगा। अमूमन चुनाव से पहले कुछ दिनों का बजट सत्र बुलाया जाता है लेकिन सरकार ने 14 दिनों का सत्र बुलाकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। उम्मीद की जा रही है कि चुनाव से पहले सरकार कई अन्य बड़े कदम उठा सकती है जिससे विपक्ष का चुनावी गणित बिगड़ सकता है। जो आइए, जानते हैं कि मोदी सरकार के तरकश में सवर्ण आरक्षण के अलावा कौन से मारक तीर मौजूद हैं।

14 दिन के बजट सत्र से मिले संकेत

चुनाव से पहले सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं करती। कुछ महीनों के खर्च के लिए अनूपूरक बजट की आवश्यकता होती है। इसकी औपचारिकताओं के लिए कुछ दिन का ही समय पर्याप्त होता है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने चुनाव से पहले बजट सत्र के लिए 14 दिन निर्धारित किए हैं। ये साफ इशारा हैं कि सरकार चुनाव से पहले कुछ बड़े धमाके की तैयारी में है। इसमें नागरिकता संशोधन विधेयक, तीन तलाक पर राज्यसभा में लंबित विधेयक को पारित कराने पर जोर दिया जा सकता है। इसके अलावा किसानों को वित्तीय सहायता पहुंचाने जैसी घोषणाएं भी की जा सकती हैं जिसमें संसद की अनुमति की बेहद जरूरत नहीं है।

विपक्ष नहीं संभाल पाया सवर्ण आरक्षण का तीर

मोदी सरकार ने शीतकालीन सत्र के आखिर में सवर्ण आरक्षण विधेयक लाने का फैसला किया। विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं था। इसलिए सदन में ठीक तरीके से विरोध या समर्थन भी नहीं कर सका और पूरा क्रेडिट मोदी सरकार के खाते में चला गया। इस बात की प्रबल संभावना है कि आगामी बजट सत्र में मोदी सरकार ऐसे ही मुद्दे सामने ला सकती है जिसमें विपक्ष खुलकर अपना पक्ष ना रख सके और हिचकिचाहट का फायदा सरकार ले जाए। 

English summary :
Parliament winter session latest updates in hindi: The winter session of Parliament ended on Wednesday. On the last day, the General Category reservation Bill, for giving 10 percent reservation to economically weak section from upper castes, in the Rajya Sabha was passed. With this, the central government has decided that the budget session for the fiscal year 2019-20 will be from 31st January to 13th February. It is expected that before the Lok Sabha elections 2019 (General Elections), the government can take several other major steps which might make a tough situation for oppositions in Lok Sabha Chunav 2019.


Web Title: 14 days long budget session speculations Modi Government announce like general category reservations

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