भारत में राष्ट्रपिता और महात्मा के नाम से पुकारे जाने वाले मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। गुजरात से ही शुरुआत पढ़ाई करने के बाद उन्होंने ब्रिटेन से बैरिस्टरी की पढ़ाई की। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका जाकर बैरिस्टर बन गए। वहां रहने के दौरान उन्होंने वहां रहने वाले हिन्दुस्तानी और अफ्रीकी लोगों की भी मदद की और छुआछूट से संबंधित कई मसलों पर लड़ाई लड़ी। साल 1915 में भारत लौटने के बाद वह पूरी तरह से स्वतंत्रता आंदोलन में कूद गए। इसके बाद नमक आंदोलन, दांडी यात्रा, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, स्वेदेसी आंदोलन जैसे अहिंसा वाले आंदोलनों से उन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। लेकिन देश की आजादी में उनके योगदानों के लिए उनके जन्मदिन को भारतवर्ष में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाई जाती है। Read More
Gandhi Jayanti 2025: प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा शांति, सादगी और सेवा के उनके आदर्शों को विकसित भारत के निर्माण के मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में रेखांकित किया। ...
Dry Day Today, October 2: आबकारी विभाग ने 2 अक्टूबर, 2025 को गांधी जयंती और दशहरा के अवसर पर पूरे राज्य में शुष्क दिवस घोषित किया है। दुकानें, पब, बार और रेस्टोरेंट सहित सभी शराब की दुकानें बंद रहेंगी और शराब की बिक्री और सेवा पर सख्त प्रतिबंध रहेग ...
Stock Market Holiday, October 2: क्या आज, 2 अक्टूबर 2025 को गांधी जयंती और दशहरा के अवसर पर शेयर बाज़ार खुला रहेगा? क्या NSE और BSE पर कारोबार होगा या छुट्टी के कारण बाज़ार बंद रहेंगे? विवरण जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें। ...
Gandhi Jayanti 2025:गांधी जयंती 2025, 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी। यह वार्षिक स्मरणोत्सव पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है और महात्मा गांधी, उनके जीवन, शिक्षाओं और योगदानों का स्मरण करने पर केंद्रित होता है। ...
Khadi india up: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वदेशी उत्पादों के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल की जरूरत पर जोर देते हुए बुधवार को खादी उत्पादों पर 108 दिनों के लिए 25 प्रतिशत की छूट देने की घोषणा की. ...
इस मार-काट के बीच भी देश आजादी का जश्न मनाने में जुटा था और गांधीजी नोआखाली के कंटकाकीर्ण रास्तों पर नंगे पैर चलते हुए, एक-दूसरे के खून की प्यासी सांप्रदायिक आग को बुझाने में जुटे हुए थे। ...