राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 12 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता (संशोधन) विधेयक शीतकालीन सत्र 2019 में राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। इसके पारित होने के बाद से ही पूर्वोत्तर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे है। कई राजनीतिक संगठन इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच हैं। Read More
लखनऊ में 57 लोगों के पोस्टर हजरतगंज चौराहे पर लगे हैं. मामला नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान हिंसक प्रदर्शन से जुड़ा है. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट एक महत्वपूर्ण फैसला आज दोपहर सुनाएगा. ...
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हो रहे प्रदर्शनों को लेकर दिलीप ने घोष कहा कि कुछ दिनों के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और महिलाओं को आगे की पंक्ति में बैठाकर भड़काऊ नारे लगवाए जा रहे हैं। ...
ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर भारतीय आपस में असहमत हैं और प्राय: बहुत ही जोरदार ढंग से. लेकिन याद रखने वाली महत्वपूर्ण बात यह है कि इन असहमतियों के बावजूद, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मुद्दों को सुलझाने के लिए हमारे पास पर्याप्त साधन हैं. इनमें गणतंत ...
बीते साल 19 दिसंबर को लखनऊ में नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसा हुई थी जिसमें सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया गया था। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों से वसूली का ऐलान किया था। कई जिलों में वसूली के नोटिस जारी किए गए। ...
पुलिस के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने करीब तीन महीने से दुकानें बंद होने पर अपनी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की बात सुनी और कहा कि चूंकि मामला अदालत में विचाराधीन है, इसलिए वे इसपर टिप्पणी नहीं कर सकते। ...
मुंबई : महाराष्ट्र के विभिन्न संगठनों की सैकड़ों महिलाएं मध्य मुंबई के माटुंगा में शनिवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ निकाले गए मार्च में शामिल हुईं।अंतरराष्ट्रीय म ...
जैसा कि स्वाभाविक था कि भारत ने संशोधित नागरिकता कानून सीएए को अपने देश का आंतरिक मामला बताते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि किसी भी बाहरी देश को भारत की संप्रभुता संबंधी मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है. यह कानून बनाने वाली भारतीय संसद के स ...