कर्नाटक: CAA का विरोध करने वाले 22 आरोपियों की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, हाई कोर्ट ने पिछले महीने दी थी जमानत

By पल्लवी कुमारी | Published: March 7, 2020 02:04 PM2020-03-07T14:04:27+5:302020-03-07T14:04:27+5:30

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कर्नाटक सरकार को इसको लेकर नोटिस भी जारी किया है।

Supreme Court stays Karnataka HC order granting bail to 22 anti-CAA protesters Alleged Violence | कर्नाटक: CAA का विरोध करने वाले 22 आरोपियों की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, हाई कोर्ट ने पिछले महीने दी थी जमानत

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsकर्नाटक हाई कोर्ट ने इन 22 आरोपियों को 17 फरवरी 2020 को जमानत दी थी।कर्नाटक हाई कोर्ट ने 17 फरवरी को पर्याप्त सबूतों की कमी के आधार पर आरोपियों को जमानत दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सीएए (CAA) विरोध प्रर्दशन में हिंसा के 22 आरोपियों की जमानत पर रोक लगा दी है। इन 22 लोगों पर 19 दिसंबर, 2019 को मंगलुरु में सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काने और पुलिस पर हमला करने का आरोप है। इन 22 आरोपियों ने पुलिस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। आरोप यह भी है कि इन्होंने पुलिस स्टेशन को भी जला दिया था। हालात पर कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने हिंसक भीड़ पर फायरिंग की थी जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। हिंसक प्रदर्शनों को लेकर राज्य में राजनीतिक दलों ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप भी लगाए थे। 

कर्नाटक सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने पर मांगा जवाब

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कर्नाटक सरकार को इसको लेकर नोटिस भी जारी किया है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने इन 22 आरोपियों को 17 फरवरी 2020 को जमानत दी थी।

एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन-जजों की बेंच ने कर्नाटक सरकार द्वारा एंटी-सीएए के दौरान मंगलुरु में एक पुलिस स्टेशन को जलाने के मामले में जमानत देने के आदेश के खिलाफ दायर विशेष अवकाश याचिका पर आरोपियों को नोटिस जारी किया है। कर्नाटक ने मेंगलूरुमें सीएए के विरोध में हुए हिंसक दंगों के मामले में जमानत देने और हाई कोर्ट की गई कुछ टिप्पणी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसपर बीते दिन (6 मार्च ) को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। 

कर्नाटक हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में आरोपियों को दी थी जमानत 

कर्नाटक हाई कोर्ट ने 17 फरवरी को पर्याप्त सबूतों की कमी के आधार पर आरोपियों को जमानत दी थी। न्यायमूर्ति जॉन माइकल क्यून्हा ने कहा था, "याचिकाकर्ताओं को कथित अपराधों से जोड़ने का कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है। उन्होंने पुलिस गोलीबारी में मारे गए लोगों की प्राथमिकी में दो लोगों के नामकरण के लिए मंगलुरु पुलिस को भी फटकार लगाई थी।" देश के तटीय जिले में सीएए को लेकर हिंसा ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी पार्टियों के लोगों के बीच हुई थी।
 

Web Title: Supreme Court stays Karnataka HC order granting bail to 22 anti-CAA protesters Alleged Violence

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