CAA लखनऊ हिंसाः आरोपियों के पोस्टरों पर बवाल, संजय सिंह ने कहा- देश को लूटने वाले 'बीजेपी के लुटेरे मित्रों' के पोस्टर छपवाओ
By रामदीप मिश्रा | Published: March 8, 2020 11:33 AM2020-03-08T11:33:47+5:302020-03-08T11:33:47+5:30
बीते साल 19 दिसंबर को लखनऊ में नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसा हुई थी जिसमें सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया गया था। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों से वसूली का ऐलान किया था। कई जिलों में वसूली के नोटिस जारी किए गए।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हिंसा हुई थी। इस हिंसा में शामिल उपद्रवियों के पोस्टर लखनऊ में चस्पा किए गए हैं, जिसको लेकर राजनीति गरमा गई है। साथ ही साथ इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है।
पोस्टर चस्पा करने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर बताया है कि सरकार ने उद्योगपतियों को कितना कर्ज दिया है। साथ ही साथ संजय सिंह ने लिखा, 'वांटेडः देश को लूटने वाले 'बीजेपी के लुटेरे मित्रों' की सूची, इनके वांटेड पोस्टर छपवाओ, गली गली में लगाओ, भाजपाइयों देश को अब बताओ इन बेइमानों ने कितने हिंदुओं को लूटा है, कितने मुसलमानों को।'
इससे पहले उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा, 'बीजेपी में हिम्मत है तो जनता का लाखों करोड़ लूटने वाले अपने मित्रों अम्बानी अडानी का पोस्टर लगवा कर दिखाओ।'
WANTED: देश को लूटने वाले “भाजपा के लुटेरे मित्रों” की सूची इनके वांटेड पोस्टर छपवाओ गली गली में लगाओ, भाजपाईयों देश को अब बताओ इन बेईमानो ने कितने हिंदुओं को लूटा है कितने मुसलमानो को। pic.twitter.com/ZJHJCaR7wF
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) March 8, 2020
बता दें, यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा हिंसा के आरोपियों का पोस्टर लगवाने के मामले को चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस मसले पर योगी सरकार को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि किस नियम के तहत आरोपियों के पोस्टर लगाए गए। कोर्ट ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर और डीएम को आज अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है।
बीते साल 19 दिसंबर को लखनऊ में नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसा हुई थी जिसमें सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया गया था। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों से वसूली का ऐलान किया था। कई जिलों में वसूली के नोटिस जारी किए गए।
57 लोगों को लखनऊ हिंसा का जिम्मेदार बताते हुए प्रशासन ने जगह-जगह पोस्टर लगाए। जिन लोगों के पोस्टर लगे उन्हें आगजनी, तोड़फोड़ और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी बताते हुए एक करोड़ 55 लाख रुपये हर्जाना भरने के लिए कहा गया। ऐसा ना करने पर संपत्ति कुर्क करने की चेतावनी दी गई। लखनऊ के कुल 4 अलग अलग थानाक्षेत्रों में 1 करोड़ 55 लाख रुपये की रिकवरी होनी है। चारों इलाकों में आरोपियों के ऐसे ही पोस्टर लगे हुए हैं। सरकार ये पहले ही तय कर चुकी थी कि हिंसा के नुकसान की भरपाई दंगाइयों से करवाई जाएगी।