आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
उमर अब्दुल्ला भूतपूर्व जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं जिन्हें पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद से हिरासत में रखा गया है। ...
रक्षा मंत्री ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश भेजा और कहा कि यदि भारत को नुकसान पहुंचाया जाता है तो वह ऐसा करने वाले को भी शांति से रहने नहीं देगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी को छूएंगे नहीं, लेकिन यदि हमें कोई परेशान करता ह ...
स्टालिन ने मांग की कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में हिरासत में चल रहे सभी नेताओं को तत्काल रिहा करे। स्टालिन ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए ट्वीट किया, “उमर अब्दुल्ला की यह तस्वीर देखकर बेहद व्यथित हूं”। उन्होंने ट्वीट के साथ कश्मीरी नेता की तीन तस्व ...
उमर अब्दुल्ला को साल 2019 के 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद से हिरासत में रखा गया है। ...
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मोबाइल इंटरनेट सेवा गणतंत्र दिवस समारोहों से पहले आज शाम अस्थायी रूप से बंद कर दी गईं।’’ उन्होंने बताया कि रविवार को घाटी में समारोह समाप्त हो जाने के बाद सेवा बहाल कर दी जाएगी। ...
पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को राज्य में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के निरस्त किये जाने के बाद एहतियातन 49 वर्षीय उमर अब्दुल्ला अभी भी पुलिस की हिरासत में रखे गए हैं। ...
सोशल मीडिया साइटों तक घाटी के लोगों की पहुंच नहीं होगी और तय वेबसाइटों तक ही उनकी पहुंच हो सकेगी। पोस्टपेड और प्रीपेड सिम कार्ड पर डेटा सुविधा उपलब्ध होगी। जिन साइटों को मंजूरी दी गयी है, उनमें सर्च इंजन और बैंकिंग, शिक्षा, समाचार, यात्रा, सुविधाएं औ ...
कश्मीर चैम्बर्स आफ कामर्स पहले ही अपनी रिपोर्ट में बता चुका है कि 120 के बंद और संचारबंदी में कश्मीर को 18 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा है। इन आंकड़ों में पर्यटन से जुड़े लोगों को हुए नुक्सान को नहीं जोड़ा गया था जो अनुमानतः रू 9191 करोड़ है। ...