मानसून में बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा, IIT Bombay के अध्ययन में हुआ खुलासा By मनाली रस्तोगी | Published: June 12, 2020 3:29 PMOpen in App1 / 10कोरोना वायरस को लेकर लगातार तरह-तरह के शोध जारी हैं। इसके अलावा शोधकर्ता इसी कोशिश में लगे हुए हैं कि जल्द से जल्द इस घातक वायरस की वैक्सीन बन सके। हालांकि, इस बीच IIT बॉम्बे द्वारा किया गया एक अध्ययन सामने आया है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)2 / 10इस अध्ययन के अनुसार, कोरोना संक्रमण का खतरा आने वाले मानसून सीजन में अधिक बढ़ सकता है। IIT बॉम्बे के प्रोफेसर अमित अग्रवाल और रजनीश भारद्वाज का इस मामले में कहना है कि कोरोना वायरस का जीवन सूखे और गर्म मौसम में कम होता है, लेकिन मानसून के नम मौसम के कारण यह मानसून सीजन में बढ़ सकता है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)3 / 10शोध करने वाले रजनीश भारद्वाज का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का खांसने और छींकने से फैलने का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे में खांसने और छींकने से गर्मी में वायरस तुरंत सूखकर मर सकते हैं। अपनी बात को जारी रखते हुए रजनीश भारद्वाज ने कहा कि गर्मी में रिस्क रेट इसलिए भी कम होता है क्योंकि ड्रापलेट तुरंत वाष्प बन कर सूख जाता है, जबकि मानसून में मौसम ठंडा होने से ऐसा जल्दी नहीं हो पता। (प्रतीकात्मक तस्वीर)4 / 10बता दें कि प्रोफेसर अमित अग्रवाल और प्रोफेसर रजनीश भारद्वाज ने मार्च में इस अध्ययन की शुरुआत मार्च के महीने में की थी, जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन को लेकर गर्मी के संभावित प्रभावों पर विचार कर रही थी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)5 / 10बता दें कि प्रोफेसर अमित अग्रवाल और प्रोफेसर रजनीश भारद्वाज ने मार्च में इस अध्ययन की शुरुआत मार्च के महीने में की थी, जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन को लेकर गर्मी के संभावित प्रभावों पर विचार कर रही थी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)6 / 10फिलहाल, अभी तक इस तरह के किसी भी अध्ययन की हिमायत में भारतीय अनुविज्ञान परिषद (ICMR) और AIIMS दोनों ने हामी नहीं भरी है। हालांकि, अगर ये स्टडी थोड़ी भी सही साबित होती है तो मानसून में मुंबई के अलावा उन शहरों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, जहां बारिश तबाही ज्यादा मचाती है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)7 / 10बता दें कि कोरोना वायरस के कारण देश की स्थिति इस समय काफी खराब है। देश भर में गुरुवार को कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या करीब 2.9 लाख हो गई। एक दिन में रिकॉर्ड दस हजार मामले सामने आने के साथ इस महीने अभी तक संक्रमितों की संख्या करीब एक लाख हो गई है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)8 / 10बहरहाल, सरकार ने कहा कि वायरस संक्रमण सामुदायिक संचरण स्तर पर नहीं पहुंचा है क्योंकि लॉकडाउन और निषिद्ध क्षेत्र जैसे उपायों से इसके तेजी से फैलने पर लगाम लगा। मरने वालों की संख्या भी एक दिन में रिकॉर्ड 350 होने से कुल मृतकों की संख्या करीब 8500 हो गई है। इनमें से एक-तिहाई लोगों की मौत सिर्फ पिछले 11 दिनों में हुई है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)9 / 1025 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद एक जून से चरणबद्ध तरीके से इसे खत्म करने की शुरुआत हुई थी। चार चरणों में लगे लॉकडाउन में पाबंदियों में कुछ ढील भी दी गई, जबकि कुछ पाबंदियां अब भी जारी हैं जिनमें मेट्रो रेल का संचालन, नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन और शिक्षण संस्थान बंद रखना शामिल है। इन्हें चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)10 / 10केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुबह जारी अपडेट में बताया कि कोविड-19 के संक्रमित लोगों की कुल संख्या 2 लाख 86 हजार 579 हो गई है। बुधवार की सुबह आठ बजे से पिछले 24 घंटे में कुल मामले 9996 हो गए हैं। मरने वालों की संख्या भी एक दिन में सर्वाधिक 357 होने के साथ अब तक कुल 8102 पर पहुंच गई है। (भाषा इनपुट के साथ) और पढ़ें Subscribe to Notifications