Uttarkashi tunnel rescue: एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, "NDRF का इसमें बहुत महत्वपूर्ण रोल है 3 टीम सुरंग के अंदर जाएगी।SDRF, NDRF को अंदर सहयोग देगी। साथ ही पैरामेडिक्स भी सुरंग के अंदर जाएंगे। अनुमान है कि 41 लोगों में से प्रत्येक को निकालने में 3-5 मिनट का समय लगेगा। पूरी निकासी में 3-4 घंटे लगने की उम्मीद है।"
उन्होंने आगे कहा, "चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद है...चिनूक हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने का आखिरी समय शाम 4:30 बजे है। हम इसे रात के वक्त नहीं उड़ाएंगे। देरी होने के कारण मजदूरों को अगली सुबह लाया जाएगा।... वहां पर जिला अस्पताल में 30 बेड की सुविधा तथा 10 बेड की सुविधा भी साइट पर तैयार है। चिनूक रात में उड़ान भर सकता है लेकिन मौसम इसके लिए अनुकूल नहीं है और ऐसी कोई तात्कालिकता नहीं है। यदि अत्यावश्यकता हो तो श्रमिकों को 1 या 2 एम्बुलेंस में ऋषिकेश लाया जा सकता है।"
एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने बताया, "अब 58 मीटर तक ड्रिलिंग हो गई है...रातभर काम किया गया है, हमारी टीम बहुत ही मुश्किल काम कर रही है। 58 मीटर तक जाना ये अभूतपूर्व उपलब्धि है...अभी 2 मीटर और जाना है तब हम कह सकते हैं कि हम आर पार हो गए हैं..सभी सुरक्षा एहतियात बरते गए हैं।"
सिल्क्यारा सुरंग से श्रमिकों को निकालने के बाद रेस्क्यू करने के लिए चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर अभी से मौजूद है।
बचाव अभियान को देखते हुए सुरंग के अंदर अस्थायी चिकित्सा सुविधा का विस्तार किया गया है। फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद यहां स्वास्थ्य प्ररीक्षण किया जाएगा। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 8 बेड की व्यवस्था की गई है और डॉक्टरों व विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है।