Ayodhya Lok Sabha Election 2024: इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तमाम पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हुई है। चुनाव आयोग ने कई राज्यों में होने वाले चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है जिससे सियासी माहौल काफी गर्म है। जनसंख्या की दृष्टि से बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश हमेशा से ही लोकसभा चुनाव के नतीजों पर गहरा प्रभाव डालता आ रहा है। उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें है यानि उत्तर प्रदेश से जीते सांसदों की संख्या जाहिर तौर पर अधिक होगी।
चुनाव आयोग ने मतदान तारीखों का पूरा शेड्यूल जारी कर दिया है जिसके मुताबिक, यूपी में सात चरणों में चुनाव होने वाला है। अलग-अलग चरण में प्रदेश के राज्यों को कवर किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की सबसे हॉट सीट मानी जा रही अयोध्या लोकसभा सीट पर सबकी निगाहे टिकी हुई है। इसी साल 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का उद्घाटन किया था जिसके बाद आम जनता के लिए मंदिर खुल गए हैं।
इस मंदिर निर्माण और उद्घाटन का सीधा फायदा बीजेपी को होगा ऐसा राजनैतिक विशेषज्ञों का कहना है। वहीं, समाजवादी पार्टी और मायावती जाति कार्ड खेलकर सत्ता में वापसी करना चाहते है।
राम मंदिर के उद्घाटन के बाद यह निर्वाचन क्षेत्र पहली बार चुनाव का सामना करने जा रहा है इसलिए सभी की निगाहें अयोध्या के मतदाताओं पर होंगी कि वे अपने शहर में 'राम लला' की प्रतिष्ठा के बारे में अपने वोटों के माध्यम से क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
कब होगा मतदान?
अयोध्या में पांचवे चरण के तहत 20 मई को वोट डाले जाएंगे। मतदान के नतीजे 4 जून 2024 को सामने आएंगे।
कौन-कौन हैं प्रत्याक्षी?
- लल्लू सिंह- बीजेपी
- अवधेश प्रसाद- समाजवादी पार्टी
- अरविंदसेन यादव (कम्युनिस्ट पार्टी उन्हें इस सीट से मैदान में उतार सकती है)
अयोध्या लोकसभा चुनाव 2019 नतीजे
2019 के चुनाव में बीजेपी के लल्लू सिंह ने समाजवादी पार्टी के नेता आनंद सेन यादव को हराया था। बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह को 529021 वोट और सपा प्रत्याशी आनंद सेन यादव को 463544 वोट मिले।
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी विवाद सबसे पुराना है जिस पर जमकर राजनीति की जाती है। धार्मिक के साथ राजनैतिक दृष्टि से यह क्षेत्र बहुत अहम है। अयोध्या जिसे पहले से ही हिंदू समुदाय द्वारा भगवान राम का जन्मस्थान कहा जाता है।
बाबरी मस्जिद और उसकी जगह राम मंदिर बनाने को लेकर विवादों में रहा है। 1853 में पहली बार, बाबरी मस्जिद स्थल को लेकर अवध में हिंसा हुई, जब हिंदुओं ने इसे राम का जन्मस्थान होने का दावा किया। इसके बाद कई घटनाक्रम होने के बाद 1992 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ। अयोध्या में घटी इन सब घटनाओं ने हिंदू-मुस्लिम खाई को गहरा कर दिया। जिसे मुद्दा बनाकर कई राजनैतिक पार्टियों ने बयानबाजी की।