लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी हर सीट को सियासी नफे-नुकसान के लिहाज से बड़ी बारीकी से परख रही है। इसी कारण से कयासबाजी चल रही है कि बीजेपी आलाकमान इस चुनावी महासमर में कई दिग्गजों का टिकट काट सकती है, जिनमें योगी सरकार के मंत्री तक शामिल हो सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक यूपी की राजधानी में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि बीजेपी हाईकमान लखनऊ के कद्दावर नेता रहे दिवंगत लालजी टंडन के बेटे और योगी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन का लखनऊ पूर्व से टिकट काट सकता है।
खबरों के अनुसार आशुतोष टंडन को भी इस बात की आशंका है कि उनका टिकट कट सकता है और यही वजह है कि पार्टी गोवा में उत्पल पर्रिकर जैसी किरकिरी से बचने के लिए अपने तमाम वरिष्ठ नेताओं को उनके आवास पर भेज रही है।
बताया जा रहा है कि टिकट कटने की बात से नाराज आशुतोष टंडन को मनाने के लिए डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को लगाया गया है। डिप्टी सीएम शर्मा ने गुरुवार को आशुतोष टंडन के आवास पर जाकर उनसे लंबी बात की। दरअसल आशुतोष टंडन के टिकट कटने के पीछे उनकी बहू को कारण बताया जा रहा है।
बीते 2 जनवरी को आशुतोष टंडन की बहू दिशा टंडन ने उन पर दहेज प्रताणना का आरोप लगाया है। दिशा टंडन ने इस मामले में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बाकायदा पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उनके ससुर आशुतोष टंडन और पूरा परिवार दहेज के लिए उनके साथ हिंसा करता है और उन्हें मानसिक तौर पर भी प्रताड़ित करता है।
पत्र में दिशा टंडन ने बताया कि उनकी शादी 11 दिसंबर 2019 को मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन के पौत्र आयुष टंडन के साथ हुई। लालजी टंडन की मौत के बाद मंत्री आशुतोष टंडन, उनकी पत्नी मधु टण्डन, छोटे भाई सुबोध टंडन, उनकी पत्नी वंदना टंडन, आयुष के पिता अमित टंडन, और आयुष की माता नमिता टंडन, आयुष की बड़ी बहनें तीरू खन्ना व सलोनी सहगल, छोटे भाई वंश टंडन दहेज के लिए उनके साथ बदसलूकी करते थे।