कर्नाटकः पुलिस ने टीपू सुल्तान का पोस्टर फाड़ने के आरोप में 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। यह पोस्टर कांग्रेस ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम को लेकर स्वतंत्रता सेनानियों की प्रदर्शनी में लगाया था, जिसमें टीपू सुल्तान की तस्वीर भी छपी थी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बेंगलुरु के हलासुरु गेट पुलिस थाने में 14 अगस्त को राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 और आईपीसी की धारा 295 ए के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का एक मुकदमा दर्ज किया था।
15 अगस्त के कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस की स्वतंत्रता रैली के लिए नरपतंगा रोड के हडसन सर्कल पर टीपू सुल्तान की तस्वीर लगाई गई थी, जिसे फाड़ दिया गया। पुलिस ने बताया कि यह शिकायत राजाजीनगर कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी मंजूनाथ ने की थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में टीपू सुल्तान फ्लेक्स को कथित रूप से फाड़ने के आरोप में राष्ट्र रक्षा पाडे नामक एक संगठन के अध्यक्ष पुनीत केरेहल्ली शामिल हैं। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने घटना स्थल का दौरा किया और कहा, "कोई राज्य में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहा है। वे हैं कांग्रेस के 'फ्रीडम मार्च' को पचा नहीं पा रहा है।
राज्य कांग्रेस ने भी सरकारी विज्ञापनों से पंडित जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने रविवार को कर्नाटक सरकार से 'हर घर तिरंगा' अभियान के लिए राज्य सरकार के विज्ञापन में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की अनदेखी के लिए माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कर्नाटक के सीएम से भी माफी की भी मांग की।
उधर, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शिवमोगा में हिंदुत्व के प्रतीक विनायक दामोदर सावरकर और मैसूर के शासक टीपू सुल्तान का ‘फ्लेक्स’ (एक तरह का बैनर) लगाने को लेकर दो समूहों के बीच सोमवार को हुए विवाद के बाद प्रशासन ने यहां धारा 144 लागू कर दी है। शहर के आमिर अहमद सर्कल पर माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया, जब 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर एक समूह ने सावरकर का फ्लेक्स आमिर अहमद सर्कल पर लगे बिजली के खंभे के शीर्ष पर बांधने की कोशिश की थी, जिस पर दूसरे समूह ने आपत्ति जताई थी। दूसरा समूह वहां टीपू सुल्तान का फ्लेक्स लगाना चाहता था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस बीच, प्रेम सिंह नामक एक युवक को अज्ञात अपराधियों ने उस वक्त कथित तौर पर छुरा मारकर घायल कर दिया, जब वह अपनी दुकान बंद करके घर लौट रहा था। सूत्रों ने बताया कि पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए पड़ताल कर रही है कि क्या इस घटना का ‘फ्लेक्स विवाद’ से कोई लेना-देना तो नहीं है। घायल युवक का मैकगैन अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कथित तौर पर कुछ लोगों द्वारा फ्लेक्स को बदलने या क्षतिग्रस्त करने का प्रयास किया गया था, जिससे क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई, क्योंकि दोनों पक्षों के लोग बड़ी संख्या में वहां जमा हो गए थे। स्थिति को नियंत्रित करने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा।
अधिकारियों ने उस स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज लगा दिया है, जहां दोनों समूह फ्लेक्स लगाना चाहते थे। भारतीय जनता पार्टी और अन्य हिंदू समूहों ने विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि उन्हें सावरकर का फ्लेक्स लगाने की अनुमति दी जाए और उनके आदर्श का अपमान करने के लिए दूसरे समूह के खिलाफ कार्रवाई की जाए। अधिकारियों ने क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है और पूरे शहर में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि पुलिस ने शांति बहाली के लिए सभी उपाय किये हैं। उन्होंने बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘यह घटना नहीं होनी चाहिए थी। मैंने अपराधियों और शांति भंग करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है।’’