लखनऊः समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को बड़ा झटका लगा है। आजम खान के पुत्र और समाजवादी पार्टी के विधायक अब्दुल्ला आजम खान उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित किया गया है। उनकी सीट स्वार रिक्त घोषित हो गई। यह दूसरी बार है जब अब्दुल्ला आजम को अयोग्य घोषित किया गया और उनकी सीट रिक्त घोषित की गई है।
अब्दुल्ला आजम खान पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव में रामपुर जिले के स्वार विधानसभा क्षेत्र से उप्र विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए हैं। आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को 15 साल पुराने मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई गई थी। मुरादाबाद अदालत के फैसले की प्रति आने के बाद सचिवालय ने स्वार सीट रिक्त घोषित करने के संबंध में निर्णय लिया।
विधानसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यहां कहा, " अब्दुल्लाह आजम खां को 15 साल पुराने एक मामले में मुरादाबाद एक अदालत द्वारा हाल ही में दो साल की सजा सुनाई जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित किया गया है। उनकी सीट 13 फरवरी से खाली घोषित की गई है।"
यह दूसरी बार है जब अब्दुल्ला आजम को अयोग्य घोषित किया गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए उनके निर्वाचन को रद्द करने के बाद उन्हें 2020 में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब्दुल्ला आजम अयोग्य घोषित हो गए।
अपने पिता आज़म खान की श्रेणी में शामिल हो गए, जिन्हें अक्टूबर 2022 में भी अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम कहता है कि दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को ‘‘ऐसी सजा की तारीख से’’ अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और जेल में समय बिताने के बाद छह साल के लिए अयोग्यता बरकरार रहेगी।
कानून के जानकारों के मुताबिक, पिता-पुत्र की जोड़ी के पास उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 60 दिनों का समय होगा। मुरादाबाद की एक विशेष अदालत ने सोमवार को 15 साल पुराने मामले में सपा महासचिव आजम खान और उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा सुनाई थी।
जिला शासकीय अधिवक्ता (अपराध) नितिन गुप्ता ने बताया था कि जांच के दौरान पुलिस से हुए विवाद में आजम खान समेत नौ लोगों के खिलाफ दर्ज एक मामले में यहां की सांसद-विधायक अदालत की न्यायाधीश स्मिता गोस्वामी ने सोमवार को आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला को दो-दो साल की सजा सुनायी थी और उनपर तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार 31 दिसंबर 2007 की रात उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कैंप सेंटर पर आतंकी हमला हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने लगातार वाहनों की गहन तलाशी अभियान चलाया हुआ था। इसी क्रम में 29 जनवरी 2008 को आजम खान जांच के दौरान अपना काफिला रोके जाने को लेकर हो गये।
इसके बाद वह हरिद्वार राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए और हंगामा किया। पुलिस ने आरोप लगाया था कि आसपास के जिलों से भी सपा नेता के समर्थन में मौके पर काफी लोग पहुंच गए थे, जिससे हरिद्वार मार्ग पर जाम लग गया और यातायात व्यवस्था ठप हो गई थी।
इस मामले को लेकर छजलैट पुलिस ने आजम खान समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, तब से लेकर अभी तक मामले की सुनवाई चल रही थी। अक्टूबर 2022 में, उत्तर प्रदेश विधान सभा सचिवालय ने आजम खान को सदन से अयोग्य घोषित करने की घोषणा की थी।
उससे पहले एक अदालत ने उन्हें अभद्र भाषा के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी। उप्र में मुख्य विपक्षी दल का प्रमुख मुस्लिम चेहरा आजम खान 1980 से नौ बार रामपुर सदर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। पिछले साल दिसंबर में इस सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के आकाश सक्सेना ने इस सीट पर खान के करीबी असीम रजा को हराया था।