दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन में कई राजनेता शामिल हुए। इसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, नेशनल कांफ्रेंस नेता फारुख अब्दुल्ला, नेशनल कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, लोकतांत्रिक जनता पार्टी नेता शरद यादव, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता सिताराम येचुरी, दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केरजीवाल पहुंचे थे।
इन सभी नेताओं ने किसान नेताओं के साथ संसद मार्ग पर एक मंच शेयर किया। यहां पहले राहुल गांधी ने किसानों से अपनी बात कही। उन्होंने कहा, हम किसानों के साथ खड़े हैं, हम उनके लिए अच्छा भविष्य सुनिश्चित करेंगे। राहुल के मुताबिक अगर पीएम बदलना पड़े तो बदलो। उन्होंने कहा देश को दो भागों में बांटकर भाषणबाजी की जा रही है। उन्होंने कहा इस वक्त देश में किसानों के और युवाओं की समस्या को हल करने की बात होनी चाहिए। इसके लिए कानून बदलना पड़े तो बदलिए, पीएम बदलना पड़े तो बदलिए।
इसके बाद मंच पर अरविंद केजरीवाल को बोलने का मौका दिया गया। इस दौरान केजरीवाल ने कहा, मोदी सरकार को स्वामीनाथन पैनल की रिपोर्ट जल्द क्रियान्वित करनी चाहिए, अन्यथा किसान 2019 के चुनाव में सबक सिखा देंगे। केजरीवाल ने कहा, पीएम मोदी ने किसानों से किया गया वादा पूरा नहीं करके किसानों की पीठ में "छुरा घोंपा" है।
इस दौरान केजरीवाल के भाषण को राहुल गांधी सुनते रहे। इसी तरह राहुल गांधी के भाषण को भी केजरीवाल सुने। भाषण खत्म होने के बाद मंच पर खड़े सभी नेताओं ने हाथ जोड़कर किसानों के साथ होने का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया।
इस दौरान राहुल गांधी के बायीं ओर फारुख अब्दुल्ला, उनके बाद सीताराम येचुरी और फिर केजरीवाल खड़े थे। जब हाथ जोड़ने की तस्वीरें उतार ली गई इसके बाद एक औपचारिक कुशल मंगल का दौर चला। सभी नेताओं ने एक दूसरे से हाथ मिलकर हल्की फुल्की बातचीत शुरू की। इस दौरान केजरीवाल अलग-थलग दिखे। बाद में सीताराम येचुरी ने उनसे हाल-चाल लिया और फारुख अब्दुल्ला राहुल गांधी से मिलने के बाद उन्हें उनके भाषण के लिए बधाई देते दिखे।
लेकिन इस पूरे कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी को अरविंद केजरीवाल से दूरी बनाते दिखा गया। अपने भाषण के बाद वे फारुख अब्दुल्ला और शरद पवार और शरद यादव से बात करते दिखे। बाद में भी वे इन्हीं नेताओं के इर्द-गिर्द रहे।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों जब महागठबंधन की बात चली थी तो केजरीवाल ने खुलकर कहा था वे कि कांग्रेस साथ नहीं आएंगे। इससे महागठबंधन को एक झटका लगा था।