नई दिल्लीः मानसून सत्र की बहाली से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। रविवार को भाजपा के दोनों नेता बारी-बारी जाकर मिले। हालांकि बैठक का आधिकारिक एजेंडा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन इस उच्च-स्तरीय बैठक को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अगस्त में पीएम मोदी कई बड़े विधेयक पहले भी ला चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की इस अप्रत्याशित मुलाकात ने अटकलों को हवा दे दी है और राजधानी में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अलग-अलग मुलाकात की। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की राष्ट्रपति के साथ हुई भेंट का कारण ज्ञात नहीं हो सका। राष्ट्रपति भवन ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।’’
राष्ट्रपति भवन में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी से मुलाकात
मोदी के राष्ट्रपति से मुलाकात के कुछ घंटों बाद शाह ने भी मुर्मू से भेंट की। राष्ट्रपति भवन ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।’’ गृह मंत्री ने मुर्मू के साथ अपनी मुलाकात की एक तस्वीर साझा करते हुए 'एक्स' पर लिखा, "राष्ट्रपति भवन में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी से मुलाकात की।"
हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय से अब तक कोई बयान नहीं आया है। मोदी की हाल में ब्रिटेन और मालदीव की यात्रा के बाद राष्ट्रपति के साथ यह पहली मुलाकात थी। ये मुलाकातें ऐसे वक्त हुई हैं जब बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्वी राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की विपक्ष की मांग को लेकर संसद में गतिरोध जारी है।
मणिपुर में 13 फ़रवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दोनों सदनों में चर्चा के अलावा, 21 जुलाई को शुरू हुए मानसून सत्र के बाद से संसद में बहुत कम कामकाज हुआ है। इसके अलावा, लोकसभा ने पिछले हफ़्ते मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को छह महीने के लिए बढ़ाने को मंज़ूरी दे दी, जबकि राज्यसभा में अभी इस प्रस्ताव पर चर्चा होनी बाकी है। पूर्वोत्तर के इस राज्य में 13 फ़रवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
इसके अलावा राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री की यह मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से निर्यात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने और भारत द्वारा रूस से सैन्य उपकरणों व तेल खरीदने के कारण अनिर्दिष्ट जुर्माने की घोषणा किए जाने के कुछ दिन बाद हुई है।
लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य उपराष्ट्रपति के चुनाव में करेंगे वोट
ये बैठकें जगदीप धनखड़ द्वारा 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के लगभग दो सप्ताह बाद हुईं। निर्वाचन आयोग ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि उपराष्ट्रपति पद का चुनाव नौ सितंबर को होगा। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य उपराष्ट्रपति के चुनाव में मतदान के पात्र होते हैं।
भाजपा नीत एनडीए सरकार यूनिफार्म सिविल कोड लाएगी
इस मुलाकात को 5 अगस्त से जोड़ा जा रहा है। 5 अगस्त 2019 को भाजपा सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया था और जम्मू-कश्मीर को 2 भाग में बांट दिया था। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बन गए थे। इसके बाद 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया था। यानी 5 अगस्त को 2 बड़े फैसले पीएम मोदी ले चुके हैं।
राजनीति जानने वाले कह रहे हैं कि भाजपा नीत एनडीए सरकार यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) ला सकती है। उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने पहले ही अपने राज्य में लागू कर चुकी है। असम और गुजरात की सरकार भी ऐलान कर चुकी है। पीएम मोदी और अमित शाह कई बार यूसीसी पर बात कर चुके हैं। भाजपा एजेंडा में हमेशा इसे रखा गया है।