तमिलनाडु: तमिलनाडु के कोयंबटूर में पांच आरएसएस के कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज होने की बात सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, ये कार्यकर्ता पुलिस को अपना काम करने से रोक रहे थे और इन पर पुलिस वालों के साथ धक्का मुक्की करने का भी आरोप लगा है। पुलिस के अनुसार, आरएसएस कार्यकर्ता एक निजी स्कूल में अपना एक प्रोग्राम कर रहे थे, इतने में थनथई पेरियार द्रविड़र कज़ख़म समेत कई वामपंथी समूहों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। ये समूह चाहते थे कि आरएसएस का यह प्रोग्राम न हो क्योंकि इससे लोगों में डर का माहौल बनेगा। इस बीच प्रदर्शन कर रहे समूहों से बहस करने के लिए आरएसएस कार्यकर्ता स्कूल से बाहर आना चाहते थे जिसे पुलिस रोकती थी। बताया जा रहा है कि यह घटना तब ही घटी और इसके बाद उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
क्या है पूरा मामला
आरएसएस कार्यकर्ता एक निजी स्कूल में अपना कार्यक्रम कर रहे थे जिसका विरोध थनथई पेरियार द्रविड़र कज़ख़म समेत कई वामपंथी समूहों कर रहे थे। मामले को शांत करने के लिए विरोध कर रहे समीहों के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। इसी बीच आरएसएस कार्यकर्ता निजी स्कूल से बाहर आकर विरोध कर रहे लोगों से बात करना चाहते थे। पुलिस ने हालात को भांपते हुए उन लोगों से कहा कि स्कूल से बाहर नहीं निकले, लेकिन आरएसएस कार्यकर्ताओं ने उनकी एक न सुनी और उनसे बहस करने लगे। बहस के दौरान पुलिस वालों से उनकी हाथा बाई भी हुई थी। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पांच आरएसएस के कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया है। उनका आरोप है कि वे पुलिस को अपना काम नहीं करने दे रहे थे और उनके साथ धक्का मुक्की भी की है।
क्यों थनथई पेरियार द्रविड़र कज़ख़म कर रहे थे विरोध
थनथई पेरियार द्रविड़र कज़ख़म के साथ कई अन्य वामपंथी समूह भी घटनास्थल पर मौजूद थे। विरोध कर रहे थनथई पेरियार द्रविड़र कज़ख़म का कहना था कि शहर में आरएसएस द्वारा ऐसे प्रोग्राम से लोगों में डर का माहौल बढ़ेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इससे शहर और राज्य में अराजकता फैलेगी। इस घटना पर बोलते हुए पुलिस आयुक्त प्रदीप कुमार ने कहा, “हमारी परिसर के अंदर घुसने कि कोई इच्छा नहीं थी। हमने केवल आरएसएस के लोगों से कहा कि वे अंदर चले जाएं ताकि बाहर विरोध प्रदर्शन और नारेबाज़ी कर रहे लोगों के साथ उनकी झड़प न हो। इसी बीच कुछ लोगों के साथ कहासुनी और धक्का-मुक्की हुई थी।”