पटना:बिहार में सत्ता की अगुवाई करने वाले जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शिक्षकों को वितरित किये गये नियुक्ति पत्र के बाद भाजपा की अगुवाई वाले केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की और कहा कि वह अपने किसी भी वादे को पूरा करने में फेल साबित हुई है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते गुरुवार को साल 2023 में शिक्षक भर्ती परीक्षा के पहले चरण में चयनित नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा, "मोदी सरकार जनता के साथ किये अपनी किसी भी प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रही है। इसके विपरीत बिहार की नीतीश सरकार ने अपनी सारी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है। बिहार सरकार गरीबी उन्मूलन और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।"
उन्होंने आगे कहा, "बिहार सरकार एक तरफ नौकरियां दे रही है, वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार युवाओं को धोखा दे रही है क्योंकि बीजेपी द्वारा किया गया 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा आज भी अधूरा है।"
इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) नेता नीतीश कुमार ने गुरुवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र की सरकार देश के इतिहास और देश की विरासत को बदलने की कोशिश कर रही है।
मुख्यमंत्री ने यह बात पटना में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की 'बीजेपी हटाओ, देश बचाओ' रैली को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा, "केंद्र की सरकार देश के इतिहास और देश की विरासत को बदलने की कोशिश कर रही है। हमें देश को ऐसी ताकतों से बचाना चाहिए। इसलिए हमने सभी विपक्षी दलों का एक गठबंधन बनाया है और उन सभी से कोशिश करने वालों के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया है, जो देश के इतिहास को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।”
इसके साथ ही जेडीयू नेता ने यह भी आरोप लगाया कि 'कुछ असामाजिक तत्व' देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि दोनों समुदायों के बीच विवाद का कोई मुद्दा नहीं है।
नीतीश कुमार ने कहा, "बीजेपी हिंदू और मुस्लिमों के बीच विवाद पैदा करने की कोशिश करती है लेकिन हिंदू और मुस्लिमों के बीच ऐसा कोई मुद्दा है ही नहीं। ये लोग कुछ न कुछ करने की कोशिश करते हैं। साल 2007 के बाद से उन्होंने बहुत कुछ किया है। कुछ असामाजिक तत्व भी हैं, केंद्र उन्हें एकजुट करना चाहता है ताकि वे देश में तनाव पैदा कर सकें।"
मालूम हो कि देश के पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में 7-30 नवंबर के बीच मतदान होना तय है। सभी राज्यों में वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होनी है।
माना जा रहा है कि ये चुनाव साल 2024 के आम चुनाव के लिए मंच तैयार करेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करीब 16 करोड़ मतदाता वोट देने की पात्रता रखते हैं।