नई दिल्ली, 17 अप्रैल: देश के कई शहरों में एटीएम में कैश ना होने की वजह से नोटबंदी जैसे हालात बने हुए हैं। कई शहरों में एटीएम के बाहर नो कैश का बोर्ड लगा चुका है। पैसों की किल्लत पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है- 'देश में पैसों की स्थिति को लेकर मैंने समीक्षा की है। देश में पैसों की स्थिति को लेकर मैंने समीक्षा की है। पैसे बैंक में उपलब्ध है साथ ही सर्कुलेशन में भी काफी पैसे है। देश के कुछ हिस्सों में अचानक और असामान्य वृद्धि की वजह से अस्थायी कमी को जल्दी से निपटाने की कोशिश की जा रही है। ।'
वहीं वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने कहा है- 'हमारे पास अभी नगद रुपए 1,25,000 करोड़ है। एक समस्या ये है कि कुछ राज्यों में नगद कम हैं और कुछ राज्यों में ज्यादा। सरकार और आरबीआई दोनों ही राज्यवार कमिटी का गठन कर लिया है, ताकि एक राज्य से दूसरे राज्य में नगद लाया जा सके। ये सब होने में तीन दिन का समय लगेगा।'
बिहार के अलावा गुजरात, उत्तराखंड में भी संकट गहराया है। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मयूर विहार फेस-3 के एटीएम पर सोमवार सुबह जाकर पड़ताल की तो वहां अधिकतर एटीएम में पैसे नहीं थे और जिन एटीएम में कैश था वहां लंबी-लंबी कतारें लगी हुई देखी गई हैं।
कई राज्यों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संकट बकरार है। ग्रामीण क्षेत्रों के ज्यादातर एटीएम में एक रुपया भी नहीं है। शाखाओं से भी कैश नहीं मिल पा रहा है। कहा जा रहा है कि बड़े नोटों की कमी के कारण एटीएम बेदम हो रहे हैं। इस कारण पिछले कई दिनों से लोगों को कैश नहीं मिल पा रहा है।
बताया जा रहा है कि दो हजार और पांच सौ रुपये के नोट डंप होने के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई है। कई बैंकों में तो यह स्थिति है कि जिन्हें एक लाख रुपये चाहिए, उन्हें दस-बीस हजार रुपये देकर चलता किया जा रहा है। इधर, बैंक प्रबंधकों का मानना है कि न तो आरबीआई जरूरत के हिसाब से पैसे भेज रही है और न ही लोग बैंकों में पैसे ही जमा कर रहे हैं। हाल यह है कि आरबीआई से कैश नहीं मिलने के कारण ब्रांचों में जो ग्राहक कैश जमा करा रहे है उसी से काम चलाया जा रहा है।
हालांकि जमा कराए जा रहे कैश से थोड़ी राहत जरूर मिल रही है, लेकिन इसको बैंकों के अधिकारी जुगाड़ बता रहे है। बैंको के अधिकारियों का कहना है कि इससे आम लोगों को बहुत कुछ नहीं होने वाला है। जब तक आरबीआई से पर्याप्त नोट नहीं मिलेगा। यह संकट जारी रहेगा।