AIMIM Bihar LS polls 2024: असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने बिहार की 16 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला कर महागठबंधन के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी करनी शुरू कर दी हैं। ओवैसी की पार्टी ने पहले बिहार की 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। लेकिन अब पांच और सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी बिहार के सीमांचल के लोकसभा सीटों के अतिरिक्त राज्य की 5 और सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में कुल 16 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।
उन्होंने बताया कि काराकाट, गोपालगंज, शिवहर, दरभंगा, वाल्मीकि नगर सीट से भी एआईएमआईएम अपने उम्मीदवार उतारेगी। साथ ही मधुबनी को लेकर भी उम्मीदवार उतारने पर विचार किया जा रहा है। अख्तरुल ईमान ने कहा कि बिहार के अल्पसंख्यकों की हालत बेहद खराब है। यहां तक कि जाति गणना रिपोर्ट में भी यह निकलकर सामने आया था कि बिहार में दलितों से भी ज्यादा खराब स्थिति अल्पसंख्यकों की है। ऐसे में दलितों और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करने और उन्हें अधिकार दिलाने के लिए उनकी पार्टी बिहार में ज्यादा से ज्यदा सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही कुछ और सीटों को लेकर एआईएमआईएम बड़ी घोषणा करेगी। अख्तरुल ईमान ने सीवान के दिवगंत सांसद शहाबुद्दीन को लेकर कहा कि एआईएमआईएम के दरवाजे शहाबुद्दीन की पत्नी हिना साहाब के लिए खुले हुए हैं। अगर हिना चुनाव लड़ती है तो उनकी पार्टी उन्हें समर्थन करेगी।
हिना चाहे निर्दलीय भी मैदान में उतरती हैं तो एआईएमआईएम का समर्थन रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर हिना उनके दल में आती हैं तो वे स्वागत करेगी। हालांकि सीवान से चुनाव में हिना को उतारने पर फ़िलहाल पार्टी ने कोई निर्णय नहीं लिया है। दरअसल, बिहार में अल्पसम्ख्यक के वोटों को साधने में अब तक लालू यादव सफल होते रहे हैं।
उनका एम-वाई समीकरण यानी मुस्लिम-यादव गठजोड़ सियासी सफलता दिलाने में मुख्य सहायक रहा है। साथ ही कांग्रेस को भी मुस्लिमों का वोट साधने के लिए जाना जाता है। यहां तक कि लोकसभा चुनाव 2019 में एकमात्र सीट किशनगंज पर कांग्रेस को सफलता मिली थी जो अल्पसंख्यक बहुल इलाका है। ऐसे में अब एआईएमआईएम के कई सीटों पर उम्मीदवार उतारने से यह राजद-कांग्रेस को बड़ा झटका माना जा रहा है।