गुवाहाटीः तमाम अटकलों को दरकिनार करते हुए असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की कि राज्य में हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (HSLC) परीक्षा 11 मई से शुरू होगी।
शिक्षा मंत्री सरमा ने कहा कि उच्च माध्यमिक परीक्षा 12 मई से शुरू होगी। सरमा ने कहा कि एचएसएलसी परीक्षा के परिणाम 7 जुलाई, 2021 को घोषित किए जाएंगे। सरमा ने शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल पर जानकारी दी, एचएस परीक्षा के परिणाम 30 जुलाई, 2021 को घोषित किए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री सरमा ने ट्वीट कर कहा कि एचएसएलसी और एचएस परीक्षाएं, 2021 इस प्रकार से आयोजित की जाएंगी। 1. 11 वीं से सर्टिफिकेट परीक्षा छोड़ने वाली हाई स्कूल। 2. 12 मई से उच्चतर माध्यमिक परीक्षा। 7 और 30 जुलाई को क्रमशः HSLC और HS परीक्षा का परिणाम घोषित किया जाएगा। आमतौर पर दोनों परीक्षाएं फरवरी-मार्च में आयोजित की जाती हैं, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इस बार उनका समय बदला गया है।
ओडिशा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में छात्रों को 80 अंकों के लिए उत्तर देने होंगे
ओडिशा सरकार ने कहा कि इस साल राज्य बोर्ड की दसवीं कक्षा की परीक्षा में विद्यार्थियों को प्रत्येक प्रश्नपत्र में 100 अंकों में से 80 अंकों के लिए उत्तर देने होंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री एस आर दास ने कहा कि 80 में से 50 अंक के लिए उत्तर ओएमआर प्रारूप में बहुविकल्पीय तरीके से देने होंगे और बाकी 30 अंक वस्तुनिष्ठ उत्तरों के लिए होंगे।
बोर्ड ने फैसला किया है कि छात्र का मूल्यांकन 100 अंकों के आधार पर ही किया जाएगा और 20 अंकों का मूल्यांकन किसी प्रश्नपत्र में छात्र द्वारा 80 अंकों से प्राप्त अंकों के प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा। राज्य सरकार ने शनिवार को कहा था कि कक्षा दसवीं के लिए वार्षिक बोर्ड परीक्षा तीन मई से 15 मई के बीच होगी।
छात्रों और शिक्षकों के लिए ‘बड़ी राहत’ वाला बताया
स्कूल प्राचार्यों ने कोविड-19 की अड़चनों के बीच सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के समय को लेकर सरकार की घोषणा को छात्रों और शिक्षकों के लिए ‘बड़ी राहत’ वाला बताया है और कहा कि इससे छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को घोषणा की थी कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) चार मई से 10 जून तक दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं प्रत्यक्ष रूप से आयोजित करेगा। स्कूल एक मार्च से प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित करेंगे और परिणाम 15 जुलाई तक घोषित किये जाएंगे। मॉडर्न पब्लिक स्कूल, शालीमार बाग की प्राचार्य अल्का कपूर ने कहा, ‘‘छात्रों पर कोविड-19 महामारी की वजह से पड़े दबाव को कम करने के लिहाज से यह घोषणा हितकारी है। विद्यार्थियों के पास अब बोर्ड परीक्षाओं के लिए तैयारी करने का पर्याप्त समय होगा।’’
परीक्षा देने के लिए कम से कम एक मौका मिल सकता है
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें स्कूल में सीधे तौर पर परीक्षा देने के लिए कम से कम एक मौका मिल सकता है और उनके पास मई में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने से पहले अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए भी काफी समय होगा। इससे उनके आत्मविश्वास में निश्चित रूप से इजाफा होगा।’’ सामान्य तौर पर स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षाएं जनवरी में होती हैं और लिखित परीक्षाएं फरवरी से शुरू होकर मार्च तक चलती हैं। हालांकि इस साल महामारी की वजह से परीक्षाएं लंबित हो रही हैं।
डीपीएस स्कूल इंदिरापुरम की प्राचार्य संगीता हजेला के अनुसार, ‘‘हम तैयारी करेंगे। हम अपने छात्रों और स्टाफ की तैयारियों के बीच उसी हिसाब से तालमेल बैठाएंगे।’’ रोहिणी के एमआरजी स्कूल की प्राचार्य प्रियंका बरारा ने कहा, ‘‘हम इस घटनाक्रम से बहुत खुश हैं क्योंकि अब बच्चों को उनकी प्रायोगिक परीक्षाओं की तैयारियों के लिए भी और वक्त मिलेगा।’’
भारत में 1,500 से अधिक निजी स्कूलों के संगठन ‘एक्शन कमेटी ऑफ अनऐडिड प्राइवेट स्कूल’ के महासचिव भरत अरोरा ने कहा, ‘‘हम सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा 2021 के संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की रणनीतिक योजना की सराहना करते हैं।’’
(इनपुट एजेंसी)