खुद को भगवान बताने वाले भगोड़े नित्यानंद ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में अपने काल्पनिक देश कैलासा का प्रतिनिधि आखिर कैसे पहुंचा दिया? यह कोई छोटी घटना नहीं है. हिंदुस्तान को पूरी सख्ती के साथ इस मामले में संयुक्त राष्ट्र से जवाब तलब करना चाहिए. इसके स
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पूर्वोत्तर में भाजपा का बढ़ता हुआ वर्चस्व राष्ट्रीय एकता के लिए शुभ-संकेत है. इससे पूर्वोत्तर के राज्यों में जो अलगाववादी प्रवृत्तियां सक्रिय रहती हैं, वे अब शिथिल पड़ जाएंगी.
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हृदय प्रत्यारोपण की कुल संख्या 2013 में 30 से बढ़कर 2022 में 250 हो गई है। वहीं फेफड़े के प्रत्यारोपण की संख्या 23 से बढ़कर 138 हो गई है। बावजूद इसके अंग प्रत्यारोपण की जरूरत की पूर्ति आसानी से अंगों के उत्पादन से ही संभव हो पाएगी।
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Assembly Elections 2023: त्रिपुरा में कांग्रेस वामपंथी गठबंधन तथा स्थानीय पार्टी टिपरा मोथा पार्टी से कड़ी टक्कर मिलने के बावजूद भाजपा लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल करने में सफल रही है.
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हमारे यहां से पाकिस्तान को मदद देने की मांग भले ही हो रही है, पर क्या पाकिस्तान ने भारत से किसी तरह की कोई गुजारिश की है? अब तक तो नहीं। वहां के यूट्यूब चैनलों को देख लें। सब भारत तथा हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलते हुए मिल जाएंगे। अब भी वहां पर भारत विरो
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जो देश पिछले दो-तीन सौ साल में महाशक्ति और महासंपन्न बने हैं, वे अपनी भाषाओं के जरिए ही बने हैं. भाषा को खत्म करके आप अपनी संस्कृति और परंपरा को बचा ही नहीं सकते.
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आज उत्तर से लेकर दक्षिण तक जिस तरह से भाजपा की स्वीकार्यता बढ़ रही है, उस लिहाज से सभी विपक्षी दलों को एक कठोर संदेश तो जाएगा ही। इसमें कोई संदेह नहीं है।
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राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार देश-भर में युवाओं में आत्महत्या करने के मामले बढ़ रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा 18 से 30 साल के युवा शामिल हैं। दुनिया में हर साल करीब 8 लाख लोग आत्महत्या कर रहे हैं।
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पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों में चौंकाने वाला कोई तत्व नहीं है. वास्तव में परिणाम लगभग उम्मीदों के अनुरूप ही है. तीनों राज्यों त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के चुनाव परिणामों को एक साथ मिलाकर देखें तो कुछ बातें बिल्कुल स्पष्ट है
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