मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवतजी की इस बात से पूरी तरह सहमत हूं और उनके कथन का स्वागत भी करता हूं कि यह फैसला न किसी की जीत है और न किसी की हार है. न उत्सव होना चाहिए और न ही दुखी होना चाहिए. मोदीजी ने ...
यह रिपोर्ट बताती है कि भारत में जितने लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, उनमें से हर पांच में से दो व्यक्ति किसी न किसी तरह के साइबर हमले का शिकार जरूर होते हैं. उन्हें पता तब चलता है जब नुकसान हो चुका होता है. ...
ध्यान रखिए कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति आपका वोट है. आप न केवल अपने क्षेत्र के विकास बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए वोट डालते हैं. आप ऐसे प्रतिनिधि चुनते हैं जो आपकी आकांक्षाओं पर खरा उतरे और आम आदमी की जिंदगी को सरल बनाने ...
चीन की नजर केवल हमारे उपभोक्ता बाजार पर है. वह अपना माल ज्यादा से ज्यादा हमारे यहां खपाना चाहता है. दरअसल चीन ने पिछले 40 साल में गजब की तरक्की की है. अपने पूरे देश में उसने पहले तो कुटीर उद्योगों का जाल बिछाया और फिर औद्योगिक क्रांति के माध्यम से इत ...
त्यौहार केवल उल्लास का अवसर नहीं है बल्कि यह अवसर है अपनी चेतना को जगाने का, अपने विचारों को श्रेष्ठ बनाने का. और हां, हमारे त्यौहारों का एक खास सामाजिक संदेश भी है. जब हम त्यौहार मनाते हैं तो परिवार एक होता है, समाज एक होता है, हम एक दूसरे के निकट आ ...
अमेरिका इस बात को अच्छी तरह से जानता है कि इस वक्त भारत उसकी जरूरत है. चीन के खिलाफ खड़े होने की ताकत केवल भारत में है. इसके साथ ही अफगानिस्तान में भारत की बड़ी भूमिका से कोई इनकार नहीं कर सकता. ...
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को अंदाजा था कि जनसंख्या एक दिन समस्या बनेगी. आंकड़े उस वक्त भी गवाही दे रहे थे. सन् 1901 में भारत की आबादी करीब 23 करोड़ 83 लाख थी जो 1951 आते-आते 36 करोड़ को पार कर चुकी थी. इस खतरे को भांपते हुए उन्होंने 19 ...
दुर्भाग्य से न्यूज चैनलों ने टीवी स्क्रीन को जंग का मैदान बना दिया है. ऐसा लग रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच टीवी के पर्दे पर जंग चल रही है और जम्मू-कश्मीर का फैसला इसी पर्दे पर हो जाएगा! कितनी अजीब बात है न! ...