विजय दर्डा का ब्लॉग: लोकतंत्र के महापर्व में आपकी भागीदारी जरूरी
By विजय दर्डा | Published: October 21, 2019 06:39 AM2019-10-21T06:39:50+5:302019-10-21T06:39:50+5:30
ध्यान रखिए कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति आपका वोट है. आप न केवल अपने क्षेत्र के विकास बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए वोट डालते हैं. आप ऐसे प्रतिनिधि चुनते हैं जो आपकी आकांक्षाओं पर खरा उतरे और आम आदमी की जिंदगी को सरल बनाने में भूमिका निभाए.
जब भी मतदान का दिन आता है तो मुझे श्याम सरन नेगी जी की याद आ जाती है. हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा क्षेत्र और किन्नौर विधानसभा क्षेत्र के ‘कल्प’ नामक गांव के निवासी हैं नेगी जी. उम्र सौ के पार है. उनकी याद इसलिए आती है कि वे भारतीय लोकतंत्र के पहले मतदाता के रूप में दर्ज हैं.
भारत में लोकसभा का पहला चुनाव हालांकि 1952 में हुआ लेकिन हिमाचल प्रदेश के नागरिकों को पांच महीने पहले यानी अक्तूबर 1951 में ही मतदान का मौका इसलिए मिला क्योंकि बर्फ गिरने के बाद वहां सुदूर इलाकों में मुश्किल होती. 25 अक्तूबर 1951 को नेगी जी ने पहली बार मतदान किया और तब से लेकर आज तक उन्होंने निरंतरता बनाए रखी है. मुझे लगता है कि हम सभी को नेगी जी जैसा होना चाहिए. हालात कैसे भी हों, वोट डालने जरूर जाना चाहिए!
ध्यान रखिए कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति आपका वोट है. आप न केवल अपने क्षेत्र के विकास बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए वोट डालते हैं. आप ऐसे प्रतिनिधि चुनते हैं जो आपकी आकांक्षाओं पर खरा उतरे और आम आदमी की जिंदगी को सरल बनाने में भूमिका निभाए. बहुत से लोग राजनीति को लेकर कई निगेटिव टिप्पणियां करते हैं और कहते हैं कि हम इस पचड़े में क्यों पड़ें. यही बहाना बना कर वे वोट डालने नहीं जाते.
सवाल यह है कि यदि आप वोट नहीं डालते तो इसका मतलब है कि देश की प्रशासनिक व्यवस्था में आपका सहयोग नहीं है. फिर शिकायत करने का भी आपको हक नहीं होना चाहिए! आप जैसा प्रदेश चाहते हैं, या जैसा देश चाहते हैं, उसे पूरा करने के लिए योग्य प्रतिनिधि तो आपको चुनना ही होगा. आखिर जनता के चुने हुए प्रतिनिधि ही तो शासन चलाते हैं. फिर आप वोट देने से कैसे मुंह मोड़ सकते हैं? संविधान ने आपको मतदान का अधिकार दिया है तो यह वास्तव में आपका दायित्व भी है.
हमारे देश में 1988 से पहले मतदान के लिए योग्य उम्र 21 वर्ष थी लेकिन देश में शिक्षा के प्रचार-प्रसार और लोगों की जागरूकता को देखते हुए संविधान के 61वें संशोधन के माध्यम से यह उम्र सीमा 18 वर्ष की गई. इसका एक महत्वपूर्ण कारण यह भी था कि युवाओं की भागीदारी बढ़े. हमें खुशी है कि युवाओं की भागीदारी चुनाव में लगातार बढ़ रही है. युवा मतदाता मतदान केंद्रों तक पहुंच रहे हैं लेकिन मुझे यह दर्द बना रहता है कि मतदान के मामले में हमारा प्रदेश महाराष्ट्र अव्वल राज्यों में क्यों शामिल नहीं होता है?
महाराष्ट्र को हम सभी विकसित राज्य के रूप में देखते हैं, जानते हैं लेकिन आंकड़े बताते हैं कि मतदान के मामले में हम अव्वल दस राज्यों में नहीं आते हैं. हम कहीं 60 प्रतिशत के आसपास बने रहते हैं जबकि नगालैंड जैसे छोटे से और भौगोलिक रूप से ज्यादा दुर्गम इलाके में मतदान 87 से 88 प्रतिशत के बीच होता है. लक्षद्वीप, त्रिपुरा, दादरा और नगर हवेली, पुडुचेरी, असम जैसे राज्यों में भी मतदान का प्रतिशत 80 पार ही होता है.
सवाल यह है कि हम ऐसे आंकड़ों तक क्यों नहीं पहुंच पाते हैं? इसका सीधा सा कारण है बहुत से लोगों का आलस. लोग यह सोचते हैं कि वे यदि वोट डालने न भी गए तो क्या फर्क पड़ जाएगा? मैं ऐसी सोच को लोकतंत्र के लिए बहुत घातक मानता हूं. यदि हर व्यक्ति ऐसा ही सोचने लगेगा तो शासन में आम आदमी की भागीदारी कम होगी. इसलिए बहुत जरूरी है कि आप वोट डालने जाएं. जो उम्मीदवार आपको पसंद हो, जो सही मायनों में आपका प्रतिनिधित्व कर सकता हो, उसे वोट जरूर डालें.
मुझे यह बात कचोटती है कि बहुत से लोग केवल इसलिए वोट नहीं डाल पाते क्योंकि वे उस दिन ड्यूटी पर कहीं बाहर होते हैं. यह तकनीक और इंटरनेट का युग है और चुनाव आयोग को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि व्यक्ति कहीं भी हो, वोट जरूर डाल पाए. अगले चुनाव से ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए.
दुनिया के कई देशों में मतदान अनिवार्य है. इनमें ऑस्ट्रेलिया, अर्जेटीना, बेल्जियम, ब्राजील, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड सहित बहुत से देश शामिल हैं. वोट न देने पर वहां अर्थदंड का प्रावधान है. भारत में भी यह मांग उठती रही है. बहरहाल इस पर कहीं कोई ज्यादा चर्चा नहीं हुई है. मेरा मानना है कि नागरिकों के बीच इतनी जागरूकता खुद फैलनी चाहिए कि वोट देना क्यों जरूरी है.
यह जिम्मेदारी अब युवाओं को उठानी होगी. वे चुनाव आयोग के लिए एक्टिविस्ट की भूमिका अदा करें. मतदान के दिन अपने आस पड़ोस के हर व्यक्ति से पूछें कि क्या उसने वोट डाल लिया है? यदि नहीं तो उन्हें मतदान केंद्र तक जरूर पहुंचाएं. तो सबसे मेरा आग्रह है कि आज मतदान केंद्र तक आप जरूर जाइए और वोट दीजिए!