इस्लामाबादःपाकिस्तान की इमरान सरकार ने भारत से कपास और चीनी के आयात को मंजूरी देने से इनकार कर दिया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत से कपास और चीनी आयात करने का फैसला टाल दिया गया है। प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में आर्थिक समन्वय समिति (ECC) के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।
पाकिस्तानी मंत्रिमंडल ने भारत से चीनी और कपास आयात करने के आर्थिक समन्वय समिति के फैसले को टाल दिया है। मंत्री शिरीन मजारी ने कहा कि जब तक जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने का फैसला रद्द नहीं होता, भारत के साथ रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते।
पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) के भारत से चीनी और कपास आयात करने के फैसले को खारिज कर दिया। मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई। यह फैसला पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री हम्माद अजहर द्वारा बुधवार को की गई उस घोषणा के बाद आया जिसमें उन्होंने उनकी अध्यक्षता में हुई ईसीसी की बैठक के बाद भारत से कपास और चीनी के आयात पर लगे करीब दो साल पुराने प्रतिबंध को वापस लेने की घोषणा की थी।
जियो टीवी की खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हालांकि ईसीसी के भारत से सूती धागे और चीनी के आयात के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। मंत्रिमंडल के फैसले पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मंत्रिमंडल की बैठक से पहले खान की करीबी सहयोगी और मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा कि ईसीसी के सभी फैसलों के लिये मंत्रिमंडल की मंजूरी जरूरी है और उसके बाद ही उन्हें सरकार से “स्वीकृत” माना जाता है। कश्मीर को लेकर अपने सख्त रुख के लिये जानी जाने वाली मजारी ने ट्वीट किया, “महज रिकॉर्ड के लिये- ईसीसी के सभी फैसलों को मंत्रिमंडल की मंजूरी चाहिए होती है और उसके बाद ही उन्हें ‘सरकार से स्वीकृत’ माना जाता है। इसलिये मंत्रिमंडल की आज की बैठक में भारत के साथ व्यापार समेत ईसीसी के फैसलों पर चर्चा होगी और उसके बाद सरकार द्वारा फैसला लिया जाएगा।
मीडिया को कम से कम इस बात की जानकारी होनी चाहिए।” अजहर द्वारा बुधवार को भारत से कपास और चीनी आयात करने की घोषणा से द्विपक्षीय व्यापर संबंधों के आंशिक रूप से बहाल होने की उम्मीद बढ़ी थी। भारत के पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिये जाने के बाद से दोनों देशों में व्यापास संबंध ठप हैं।