दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर ने जब अपनी सालाना आमदनी 40 लाख रुपए बताई तो आयकर अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए। आयकर विभाग ने तुरंत जांच शुरू कर दी जिसके बाद पता लगा कि खुद को मजदूर बताने वाला शख्स असल में ड्रग डीलर है। आरोपी समेत पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। ये पूरा मामला बेंगलुरु का है जहां अमीर बनने की चाहत में एक मजदूर ड्रग डीलर बना और अब जेल की सलाखों के पीछे है। पुलिस इस रैकेट से जुड़े लोगों की तलाश कर रही है आयकर विभाग द्वारा प्रेरित होकर बेंगलुरु में एक व्यक्ति को टैक्स भरना महंगा पड़ गया। दरअसल टैक्स भरने वाला शख्स मजदूर था और टैक्स भरते समय उसने अपनी सालाना आय 40 लाख रुपए बताई, लेकिन विभाग को उसने अपनी कमाई का सोर्स नहीं बताया। विभाग को शक होने पर आयकर अधिकारियों ने मजदूर पर नजर रखी और जांच में पता चला कि खुद को पेशे से मजदूर बताने वाला शख्स असलियत में एक ड्रग डीलर है। आरोपी ड्रग डीलर का नाम रचप्पा रंगा जिसकी उम्र 34 साल है। चमाराजनगर का रहने वाला रचप्पा करीब 12 साल पहले बेंगलुरु आया।