कोरोना वैक्सीनसाइड इफेक्ट पर क्या बोले AIIMS के निदेशक? एम्स (AIIMS) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने देश में कोविड वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने के एक दिन बाद सोमवार को अपना अनुभव साझा किया। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि वैक्सीन का मुझ पर कोई साइड इफेक्ट नहीं है, मैं सुबह से काम कर रहा हूं। अभी भी मीटिंग कर रहा हूं। मैं बिल्कुल ठीक हूं। वैक्सीन लगाने के बाद साइड इफेक्ट और एलर्जी की चर्चा करते हुए डॉ. रणदीप गुलेरिया लोगों से कहा कि मामूली साइड इफेक्ट से हमें डरने की जरूरत नहीं है, अगर आप कोई भी दवाई लेते हैं, तो कुछ एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है और ऐसा रिएक्शन क्रोसिन, पैरासिटामोल जैसी साधारण दवाई से भी हो सकता है। ऐसे में परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन से हार्ट अटैक नहीं होता है। इसके साधारण साइड इफेक्ट में शरीर में दर्द, जहां टीका लगा है, वहां पर थोड़ा सा दर्द, हल्का फीवर हो सकता है। ये साइड इफेक्ट 10 फीसद से भी कम लोगों को होते हैं।साइड इफेक्ट से बचने के लिए बनाए गए हैं सेंटरडॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगर सीरियस साइड इफेक्ट की बात करें तो, शरीर पर चकत्ते निकल सकते हैं, घबराहट हो सकती है, सांस फूलने की समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा भी होता है, तो इसमें कोई घबराने की बात नहीं है, सब जगह इंतजाम किए गए हैं। साइड इफेक्ट से निपटने के लिए सेंटर बनाए गए हैं।जिंदगी सामान्य बनाने के लिए वैक्सीन जरूर लगवाएं डॉ. गुलेरिया ने लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर हमें कोविड संक्रमण से बाहर निकलना है, मौत की दर को कम करना है, अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर लानी है, तो हमें बिना झिझक वैक्सीन लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में हमें स्कूल शुरू करने हैं, जिंदगी को नॉर्मल करना है, तो सभी को आगे आकर कोविड वैक्सीन लगानी चाहिए। तभी हम आगे बढ़ पाएंगे, तभी देश पहले की तरह पटरी पर लौट पाएगा।बता दें कि 16 जनवरी को देश में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड टीकाकरण अभियान शुरू हो गया। इस अवसर पर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी एम्स में कोरोना का टीका लगवाया। उन्हें यहां तीसरे नंबर पर टीका लगाया गया। यह पूरा कार्यक्रम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की मौजूदगी में हुआ। डॉ. गुलेरिया ने यह टीका इसलिए भी लगवाया ताकि अन्य लोगों को विश्वास हो कि यह टीका सुरक्षित है और इसे हर लाभार्थी को बिना किसी शक के लगवाना चाहिए। बताते चलें कि टीकाकरण अभियान के पहले चरण में कुल तीन करोड़ लोगों को टीके लगाए जाएंगे। इनमें स्वास्थ्यकर्मचारी, फ्रंट लाइन कोविड योद्धा जैसे सफाई कर्मी, पुलिस के जवान आदि शामिल हैं।देश में कोरोना वायरस वैक्सीन 16 जनवरी से लोगों को दिए जाने के बाद कुछ इलाकों से इसके साइड इफेक्ट की खबरें आ रही थीं। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक संवाददाता सम्मेलन कर इसकी जानकारी दी और कहा है कि कोरोना वायरस टीकाकरण दिए जाने के बाद 16 और 17 जनवरी को 447 एइएफआई (एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्युनाइजेशन) रिपोर्ट किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर मनोहर अगनानी ने बताया कि अधिकांश मामलों में इसका प्रतिकूल प्रभाव मामूली स्तर का था। अगर टीकाकरण के बाद किसी को अस्पताल में भर्ती करना पड़े तो उसे सीरियस एएफआई में दर्ज किया जाता है। उन्होंने बताया कि केवल तीन ऐसे मामले हुए जिसमें लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।