भारतीय वायुसेना के पास वर्तमान में पाकिस्तान और चीन से दो मोर्चों के खतरे से निपटने के लिए लड़ाकू विमानों की जरूरत है। भारतीय वायुसेना में नियमतः 42 स्क्वाड्रन होने चाहिए जिसमें प्रत्योक में 18 विमान होते हैं। लेकिन वर्तमान में 31 स्क्वाड्रन से ही व ...
भारतीय वायु सेना ने पहले ही 83 एलसीए विमानों की आपूर्ति के लिए एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। अब 65,000 करोड़ रुपये में 97 और विमान खरीदने के लिए टेंटर जारी हो गया है। ...
एलसीए कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा 1984 में पुराने मिग-21 लड़ाकू विमानों को बदलने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। तेजस को विकसित करने में लंबा समय लगा है। तेजस ने भारत को उन देशों के विशिष्ट समूह में शामिल कर दिया है जो आधुनिक क्षमताओं से लैस चौथी और ...
Exercise Vayu Shakti-24: वायु शक्ति अभ्यास में शामिल होने वाले विमान कई हवाई अड्डों से उड़ान भरेंगे। सटीक क्षमता के साथ-साथ पारंपरिक हथियारों को पूरी सटीकता के साथ इस्तेमाल करने की तैयारियों को परखा जाएगा। ...
वायुसेना के लिए 55,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान खरीदने की योजना को मंजूरी मिल चुकी है। एचएएल ने 2025-26 तक तेजस एमके1ए जेट विमानों का उत्पादन बढ़ाकर प्रति वर्ष 16 करने और अंततः एक नई उत्पादन लाइन बनाकर 24 विमान प्रति वर् ...
देश की सैन्य शक्ति को मजबूत करने की आवश्यकता को महसूस करते हुए रक्षा मंत्रालय ने 97 तेजस हल्के लड़ाकू विमानों, 156 प्रचंड लड़ाकू हेलीकाप्टर की खरीद और 84 सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के उन्नयन सहित कई बड़ी अधिग्रहण परियोजनाओं को मंजूरी दी। ...
Defence Council: भारत ने सशस्त्र बलों की समग्र लड़ाकू क्षमता को बढ़ावा देने के लिए 97 तेजस हल्के लड़ाकू विमानों और लगभग 150 प्रचंड हेलीकॉप्टर की अतिरिक्त खेप की खरीद के लिए बृहस्पतिवार को प्रारंभिक मंजूरी दे दी। ...
आने वाले समय में भारतीय वायुसेना में लगभग 300 तेजस लड़ाकू विमान शामिल किए जाएंगे। इस मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता में यह महत्वपूर्ण वृद्धि आवश्यक है। ...